एससी एसटी मामलों की विशेष अदालत के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार पाजा ने नोखा में एक दशक पूर्व हुई वारदात में आरोपी को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानकर 10 साल के कारावास और 5000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराई तो आरोपी को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वर्ष, 13 में नोखा में धिंगाणिया बास निवासी बजरंगलाल उर्फ बिजू डाकोत ने सोहन राम को लात मुक्कों से इतना पीटा कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया और हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया।
नोखा अस्पताल में पर्चा बयान पर पुलिस ने जानलेवा हमला और एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। सोहन राम को पीबीएम अस्पताल ले जाया गया जहां से जयपुर रेफर किया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में हत्या की धारा 302 आईपीसी और जोड़ दी। अनुसंधान में बजरंगलाल को दोषी मानकर गिरफ्तार किया और कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी को गेर इरादतन हत्या की धारा 304 पार्ट दो का दोषी माना और उसे 10 साल के कारावास व 5000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
अर्थदंड जमा नहीं कराने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाहों के बयान हुए। राज्य की ओर से पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक कुंदनलाल व्यास व परिवादी की ओर से पैरवी रामकिशन कड़वासरा ने की।
आरोपी के कब्जे में थी मृतक की पत्नी और बच्चे : मृतक सोहनलाल ने नोखा अस्पताल में इलाज के दौरान पुलिस को जानकारी दी थी कि वारदात के दौरान उसकी पत्नी और बच्चे आरोपी के कब्जे में थे। पुलिस को दिए पर्चा बयान में बताया कि एक मार्च को वह रोड़ा गांव जाने के लिए नवली गेट पर खड़ा था।
इस दौरान मुंह पर कपड़ा बांधे टैक्सी चालक आया और रोड़ा गांव जाने के लिए टैक्सी में बैठाया। बाद में उसे कक्कु रोड आचार्यों के खेत में ले जाकर लात-मुक्कों से मारपीट की। चेहरे से कपड़ा हटाया ताे पता चला कि वह बजरंगलाल डाकोत था जिसने उसकी पत्नी और बच्चों को जबरन अपने पास रखा हुआ था। मारपीट में हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया तो बजरंगलाल उसे भाई रूपा राम के पास पटक गया।
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