कंटेनर की सील तोड़कर अच्छी क्वालिटी का 30 प्रतिशत कोयला निकाल लेते, फिर करते मिक्स
सीआईडीसीबी और जिला पुलिस ने गुरुवार सुबह 4 बजे शोभासर गांव के एक बाड़े में दबिश देकर कोयले के काले कारोबार का भंडाफोड़ किया। यहां अच्छी क्वालिटी के कोयले को निकालकर घटिया कोयले को कंटेनरों में भरा जा रहा था। सीआईडी सीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्यारे लाल शिवरान ने बताया कि लंबे समय से व्यापारियों की शिकायतें मिल रही थी, कि उन्हें जो कोयला मिल रहा है, वह मिलावटी है।
ऐसे में सीआईडी सीबी ने पूरे प्रदेश में कांडला पोर्ट से आने वाले कोयले से भरे कंटेनरों पर नजर रखनी शुरू कर दी। सीआईडी सीबी को मुखबिरों से सूचना मिली कि शोभासर चौराहे के पास जीन माता पीओपी फैक्ट्री में असली कोयले से भरे कंटेनरों में नकली कोयले को भरा जा रहा है। इसके बाद बीछवाल एसएचओ महेंद्र दत्त शर्मा के सहयोग से बाड़े में छापा मारा गया।
यहां दो ट्रकों से कोयले को निकालकर उसमें मिलावटी कोयला भरा जा रहा था। पुलिस ने मौके से शंभू सिंह पुत्र मोहन सिंह राजपूत निवासी कानसिंह की सीढ़ तहसील बाप, अवाय जिला जैसलमेर गोपालराम पुत्र पप्पूराम नायक तथा तीसरे आरोपी गुमान सिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में छतर सिंह मौके से भाग गया। पुलिस ने किशन सिंह, देवी सिंह तथा कुलदीप सिंह को भी नामजद आरोपी बनाया है। पुलिस ने मौके से दो ट्रक और जेसीबी मशीन को जब्त किया है।
यूं चलता था मिलावट का खेल
सीआईडीसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्यारे लाल शिवरान ने बताया कि कोयला इंडोनेशिया, यूएसए और रूस से आने वाला कोयला अच्छी क्वालिटी का होता है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 20 हजार रुपए टन होती है। इस कोयले को कांडला पोर्ट से देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली बनाने और औद्योगिक कार्यों के लिए किया जाता है। कोयले में मिलावट करने वाला गिरोह इन ट्रकों को बीच में रोककर उसमें असली की जगह नकली कोयला भर देते हैं।
इस कार्य में ट्रकों के चालक भी शामिल होते हैं। एक ट्रक में मिलावट करने से करीब तीन लाख रुपए के कोयले की हेराफेरी इस गोरखधंधे में शामिल गिरोह के सदस्य कर रहे थे। गुरुवार को प्रदेश के बीकानेर सहित जालोर, पाली, बाड़मेर, जोधपुर सहित 13 ठिकानों पर कार्रवाई कर आरोपियों के खिलाफ दस मामले दर्ज किए गए। एएसपी डॉ. शिवरान ने बताया कि गिरोह का खुलासा करने वाली टीम में सीआईडी सीबी के निरीक्षक सुरेंद्र पूनिया, कांस्टेबल मनोहर, किशोर, रुलीचंद तथा देवेंद्र यादव सहित बीछवाल एसएचओ महेंद्र दत्त शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
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