बीकानेर में राजस्व अधिकारी (रेवेन्यू ऑफिसर) और अधिशासी अधिकारी (एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) एग्जाम में 4 युवक विग में ब्लूटूथ लगाकर नकल की कोशिश में थे। तीन को गिरफ्तार किया गया है और एक हिरासत में है।
जांच में सामने आया कि इन अभ्यर्थियों ने विग के लिए 15-20 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद नकल कराने की डील अलग से थी। नकल कराने की डील कितने रुपए में हुई? इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।
सरगना की चल रही तलाश
मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बीकानेर में जिस नकल गिरोह ने रीट-2021 के दौरान चप्पल में ब्लूटूथ फिट कर नकल की कोशिश की थी, उसी पर ब्लूटूथ लगे हुए विग बनाने का शक है। गिरोह का सरगना तुलछाराम कालेर है, जिसकी तलाश की जा रही है। मामले में बड़ा सवाल ये भी है कि इन चारों अभ्यर्थियों को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन ये खुलासा नहीं हुआ है कि नकल गिरोह ने कितने अभ्यर्थियों को ये विग बेचे थे।
तुलछाराम पर सवाल क्यों?
कोचिंग इंस्टीट्यूट का संचालक तुलछाराम कालेर चूरू जिले के रामपुर देवानी का रहने वाला है। वर्ष 1991 में पुलिस में भर्ती हुआ था। 1994 में हवाला के एक मामले में जब्त राशि अपने पास रखने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। उसके बाद 2007 में उसने आरएएस का एग्जाम दिया। इसमें 19वीं पोजीशन आई। वर्ष 2014 में वह अपने एक रिश्तेदार की जगह एसआई की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था।
कालेर की पत्नी आरपीएस है। तुलछाराम ने रीट-2021 में एक पारी के पेपर के लिए अभ्यर्थियों से पांच से सात लाख रुपए के बीच में सौदा तय किया था। उसने प्रदेशभर में 25 से ज्यादा लोगों को ब्लूटूथ लगी चप्पल बेची थी।
वह प्रतियोगिता भर्ती परीक्षा में नकल करवाने का आदतन आरोपी रहा है। तुलछाराम पर राजस्थान के अलग-अलग जिलों मे नकल करवाने के कई प्रकरण दर्ज हैं। तुलछाराम के साथ उसके भतीजे पौरव कालेर को भी पुलिस ने नकल मामले में ही गिरफ्तार किया था।
पढ़िए तुलछाराम के कारनामे
अंडरगारमेंट में छुपाने को दी नकल की डिवाइस
रीट में नकल गिरोह ने महिला और पुरुष अभ्यर्थियों को नकल के लिए रिमोटनुमा डिवाइस बेचे थे। पुरुषों को अंडरगारमेंट में इसे छुपाना था। इसके लिए एक धागा भी इसमें लगाया गया। वहीं, महिलाओं को इसे छिपाने के लिए सैनिटरी नैपकिन लगाना था। इस डिवाइस के मामले में चूरू के रतनगढ़ में रहने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया गया था।
रिमोट जैसी ये डिवाइस 8cm लंबी और 4cm चौड़ी थी। इसमें बैटरी, सिम और मोबाइल चिप का इस्तेमाल किया गया। जांच में सामने आया कि इस डिवाइस में किसी तरह का बटन नहीं है। इसे सीधे कॉल से जुड़ना था। इस रिमोट से जुड़ा एक ब्लूटूथ मिनी ईयरफोन अभ्यर्थी को कान में लगाना था।
नकल करने वाली चप्पल
इस गैंग ने नकल कराने के लिए चप्पल में भी मोबाइल तैयार किए। गैंग ने बाजार से वो चप्पल खरीदी, जिन्हें बीच में से काटकर आसानी से वापस जोड़ा जा सके। स्पंज वाली इन चप्पलों को चाकू की मदद से बीच में से काटकर उसका सोल (तला) अलग किया गया। मोबाइल बैटरी, मदर बोर्ड और अन्य मशीनरी के साथ सिम के लिए जगह रखी गई। सब कुछ फिट करने के बाद चप्पल की ऊपरी हिस्से को वापस जोड़ दिया गया। इसे मजबूत केमिकल से जोड़ा गया। फिर चारों तरफ सफाई की गई ताकि किसी को शक न हो। ये मोबाइल ब्लूटूथ के जरिए कान में लगे एक ईयरफोन से जुड़ा होता था।
इसी रिमोट और चप्पल के जरिए अभ्यर्थियों से नकल कराने वाली गैंग को कनेक्ट होना था, जो सामने से सभी प्रश्नों के उत्तर एक-एक कर बताने वाले थे। अभ्यर्थियों के कान में लगे मिनी ईयरफोन के माध्यम से पूरा आंसर पहुंच जाता। कुल 25 रिमोट और चप्पल के जोड़े तैयार किए गए थे।
एक साथ 32 लोगों को कॉल से नकल
मोबाइल से एक बार में एक ही कॉल लगा सकते हैं, लेकिन तुलछाराम एंड गैंग ने 2 साल पहले एक ऐसी मशीन बनाई, जिससे एक साथ 32 लोगों को कॉल किया जा सकता है। जिसके पास कॉल जाता, उसे न तो रिसीव करने की जरूरत है, न फोन काटने की। इस मशीन से ही सामने वाले का कॉल ऑन व ऑफ होता। इस मशीन में लगे मोबाइल से ही सभी नंबर पर अलग-अलग कॉल किया जाता है। मशीन में वॉयस इनपुट का एक ही रास्ता दिया गया। 32 मोबाइल के साथ एक मास्टर मोबाइल से इसमें आवाज दी जाती है, वो ही सामने वाले मोबाइल (सेंटर में मौजूद चीटिंग करने वाला अभ्यर्थी) के ब्लूटूथ पर पहुंच जाती है। उस मोबाइल में कॉल जाते ही ऑटो सिस्टम से वो ऑन हो जाता है। इसके बाद इस मशीन पर बैठा व्यक्ति जो भी बोलता है, उसे ब्लूटूथ रखने वाला सुन सकता है।
तीन गिरफ्तार, तीनों तुलछाराम के संपर्क में
पवन कुमार मंडा : बीकानेर के निकटवर्ती गांव रासीसर का रहने वाला है। उसका परिवार खेती करता है। मंडा तुलछाराम के संपर्क रहा है। पुलिस पता लगा रही है कि दोनों के बीच में डील हुई है या नहीं? अगर हुई है तो क्या? पवन और तुलछाराम के बीच सालों से संबंध होने का खुलासा हुआ है।
महेंद्र-मनोज : महेंद्र कुमार बीकानेर का रहने वाला है। तीसरा लड़का मनोज कुमार भी बीकानेर का ही रहने वाला है। इन दोनों के भी तुलछाराम से संबंध रहे हैं।
बीप की आवाज आई तो पकड़े गए
उदयरामसर के सावित्री कॉलेज के बाहर अभ्यर्थी को परीक्षा से पहले ही दबोच लिया गया था। पुलिसकर्मी उस समय चौंक गया, जब मेटल डिटेक्टर से जांच के दौरान बालों के पास 'बीप' की आवाज आई। दो-तीन बार करने पर वहीं से बीप की आवाज आई। इस पर पुलिसकर्मी ने बालों में हाथ डालकर हिलाया तो विग उतर गई। यहीं से पुलिस हरकत में आ गई। पास ही स्थित मुरली सिंह यादव कॉलेज में छानबीन की गई। वहां भी नकली विग पहने एक युवक के पास ब्लूट्रूथ मिल गया।
सवाल : कौन कराने वाला था अभ्यर्थियों को नकल
पुलिस जांच कर रही है अभ्यर्थियों को ये विग तुलछाराम गिरोह ने ही बेचे या किसी और ने? प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अभ्यर्थियों ने खुद सिर का नाप देकर ये विग खरीदी और इसके बाद इसमें डिवाइस फिट किया गया। नकल कराने की डील अलग से हुई। अभ्यर्थियों को सवाल पूछने थे और कान में लगे माइक्रो ईयरफोन से नकल गिरोह उनके जवाब देता।
पुलिस ने दो युवकों को परीक्षा शुरू होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि एक को परीक्षा देते हुए एमएम स्कूल से गिरफ्तार किया गया। अभ्यर्थियों को सवालों के जवाब कौन बताने वाला था, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।
गिरफ्तार युवक ने खोला राज
एक अभ्यर्थी पवन से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पवन तुलछाराम कालेर से पिछले कई सालों से परिचित है। रासीसर के पवन मंडा को पुलिस ने एमएम स्कूल से गिरफ्तार किया। पुलिस को शक है कि एग्जाम में नकल के पीछे तुलछाराम का ही हाथ है। पुलिस तुलछाराम को गिरफ्तार कर पूछताछ कर सकती है। फिलहाल, जमानत पर चल रहा तुलछाराम पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। इनकी निशानदेही पर सोमवार को ही कुछ और युवकों की धरपकड़ हो सकती है। पुलिस ने तुलछाराम की गिरफ्तारी के लिए भी अपने तंत्र को सक्रिय कर दिया है।
सुबह की पारी पर भी सवाल?
सुबह की पारी में अधिशासी अधिकारी के लिए और दोपहर की पारी में राजस्व अधिकारी के लिए एग्जाम हुए थे। ऐसे में राजस्व अधिकारी के कैंडिडेट्स तो विग के कारण पकड़ में आ गए लेकिन अधिशासी अधिकारी का कोई अभ्यर्थी पकड़ में नहीं आया। अब पुलिस ये भी जांच कर रही है कि सुबह की परीक्षा में कोई अभ्यर्थी नकल कर रहा था या नहीं?
असमंजस में रहे दूसरे अभ्यर्थी
दो युवकों के पकड़े जाने के बाद जब पुलिस ने बीकानेर के सभी सेंटर्स पर छानबीन शुरू की तो एकबारगी दूसरे अभ्यर्थी हड़बड़ा गए। दरअसल पुलिस टीम ने हर स्टूडेंट के बालों में हाथ डालकर उन्हें खंगालना शुरू कर दिया। अंत्योदय नगर स्थित एक सेंटर पर उस समय हास्यास्पद स्थिति हो गई, जब पुलिस ने घने बाल वाले के स्टूडेंट के सिर में काफी देर तक हाथ फेरा। अभ्यर्थी ने कारण पूछा तो पुलिसकर्मी ने जवाब दिया "तुम्हारे बाल बहुत अच्छे हैं यार"।
7 दिन के रिमांड पर तीनों आरोपी
तीनों गिरफ्तार आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया जहां से 7 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है। तीनों आरोपियों से पुलिस सख्ती से पूछताछ करेगी, जिसमें कुछ और खुलासे भी हो सकते हैं।
तुलछाराम का भतीजा भी आरोपी
चप्पल से नकल के मामले में पुलिस में तुलछाराम के भतीजे गौरव कावेरी को भी गिरफ्तार किया था। इसके अलावा भी कई अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध मिली थी।
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