भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 4 साल बाद एक बार फिर से पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के तहत चंद्रयान-3 लॉन्च किया। आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे प्रक्षेपित किया गया। सबकुछ ठीक रहा तो यह अगस्त के आखिर में चंद्रमा पर उतरेगा। इस सफलता से भारत, संयुक्त राज्य अमरीका, चीन और तत्कालीन यूएसएसआर के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इस मिशन को पूरा करने में 615 करोड़ रूपये खर्च हो रहा है। यह भारत का तीसरा मून मिशन है।
अगस्त में चांद की तह पर करेगा लैंड
चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचने में महीनेभर से ज्यादा का समय लगेगा। उम्मीद की जा रही है कि 23 या 24 अगस्त को ये चांद की सतह पर लैंड कर लेगा। हालांकि, ये तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है या सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकता है।
इस मिशन के तीन मुख्य लक्ष्य
1. चंद्रयान-3 के लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना।
2. रोवर को चांद की सतह पर चला कर दिखाना।
3. लैंडर और रोवर की मदद से साइंटिफिक जांच-पड़ताल करना।
चंद्रमा पर जाकर करेगा ये काम करेगा
1. मून पर पड़ने वाली रोशनी और रेडिएशन का अध्ययन करेगा।
2. मून की थर्मल कंडक्टिविटी और तापमान की स्टडी करेगा।
3. लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की स्टडी करेगा।
4. प्लाज्मा के घनत्व और उसमें हुए बदलावों को स्टडी करेगा।
चौथा देश बन जाएगा भारत
यदि भारत इस मिशन में कामयाब हो जाता है वह अमरीका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में चौथा देश बन जाएगा। अंतरिक्ष संस्थान ने कहा कि चंद्रयान-3, तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है, जो एलवीएम3 प्रक्षेपक के चौथे परिचालन मिशन (एम4) है।
0 Comments