जोधपुर में आपसी रंजिश के चलते एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या कर शव जला दिए गए। हत्यारों ने परिवार की 6 महीने की मासूम को भी नहीं छोड़ा। बुधवार सुबह चारों के शव घर के आंगन में जले हुए मिले। मामला शहर के चौराई गांव का है।
पुलिस ने बताया कि घटना मंगलवार रात करीब 3 बजे के आसपास की है। परिवार के लोग घर के बाहर सो रहे थे। इसी दौरान धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या की गई। इसके बाद सभी को घसीटते हुए घर के आंगन में लाया गया और आग लगा दी गई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में परिवार का ही आपसी विवाद सामने आया है। परिवार के मुखिया मृतक पूनाराम के भतीजे पप्पूराम (19) ने सभी को मौत के घाट उतारा है।
इधर, ग्रामीणों ने जब सुबह घर से धुआं उठते देखा तो मकान के पास पहुंचे। यहां अंदर जाकर देखा तो पता चला चार परिजनों के शव पड़े थे। ASI अमना राम ने बताया कि पूनाराम (55), उसकी पत्नी भंवरी (50), बहू धापू (24) और उसकी 6 महीने की बेटी के शव जले हुए मिले हैं।
बच्ची का शव तो पूरी तरह जल गया था। बाकी के शव अधजले थे। पुलिस के मुताबिक परिवार खेती बाड़ी करता था। परिवार में दो बेटे, एक काम पर गया था, दूसरा परिवार से अलग रहता है प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि पूनाराम के दो बेटे हैं। एक रेवताराम और दूसरा हरीश। धापू रेवताराम की पत्नी है। रेवताराम ओसियां तहसील के ही घेवड़ा गांव में एक कटर मशीन (जोधपुरी पत्थर की फैक्ट्री) पर काम करता है। एक दिन पहले ही वह काम पर गया था। दूसरा बेटा हरीश चामू गांव में अपने परिवार के साथ अलग रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे तब उन्होंने पूनाराम के घर आग की लपटें देखीं तो वे मौके पर पहुंचे। पहले सोचा सामान्य आग है पर वहां चारों के शव जल रहे थे।
घटना की जानकारी मिलने के बाद रेंज आईजी जयनारायण शेर और कलेक्टर हिमांशु गुप्ता भी मौके पर पहुंचे। दोपहर बाद संभागीय आयुक्त व पाली सांसद भी मौके पर पहुंचे। इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम का खुलासा करेंगे।
जोधपुर हत्याकांड के मामले में ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने रेंज आईजी जयनारायण शेर पर सवाल उठाए हैं। वह बोलीं-अधिकारी आरोपियों को पकड़ नहीं रहे हैं और केवल थाना अधिकारियों के ट्रांसफर कर रहे हैं।
जयपुर में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- श्याम पालीवाल की हत्या हुई, अभी तक मुख्य आरोपी पकड़ में नहीं आए। मुझ पर हमला हुआ, लेकिन मेरे केस की फाइल सिरोही ट्रांसफर कर दी गई।
ऐसे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर पीएचक्यू में बैठा देना चाहिए। उन्होंने कहा- एसपी अच्छे हैं, लेकिन आपके बॉस आपके हाथ बांध देते हैं तो क्या कर सकते हैं? आईजी मुझे जवाब दें कि अधिकारियों के क्यों ट्रांसफर किए गए? किस सोच से काम कर रहे हैं? एसी ऑफिस में बैठे रहते हैं किसी से मिलना नहीं चाहते। आप जनता के नौकर हो, साहब बनकर बैठे हो। यह तरीका नहीं चलेगा।
पारिवारिक विवाद का शक गहराया
ग्रामीण एसपी धर्मेंद सिंह यादव ने बताया कि मृतक पूनाराम के भतीजे तेजाराम ने सूरत में सुसाइड किया था। इधर, पूनाराम के भाई भेराराम को ये लगता था कि उसके बेटे को पूनाराम ने मरवाया है।इस बात को लेकर कई बार दोनों भाइयों के बीच विवाद भी हुआ। बताया जा रहा है कि बातों-बातों में जब भेराराम ने पूनाराम पर बेटे को मरवाने का आरोप लगाया तो पूनाराम ने भी जोश-जोश में कह दिया था कि हां, मैंने मरवाया है। इस पर भेराराम के बेटे पप्पू राम ने बदला लेने की सोची। इसी साजिश के तहत पप्पू राम ने अपने चाचा समेत उसके पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
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