बीकानेर 21 जुलाई। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) में दिनांक 18.07.2023 से चल रहे चार दिवसीय एक्यूप्रेशर चिकित्सा शिविर का आज दिनांक को समापन किया गया। केन्द्र द्वारा एक्यूप्रेशर रिसर्च एंड ट्रीटमेंट इंस्टिट्यूट, जोधपुर के सौजन्य से आयोजित इस शिविर में एनआरसीसी परिवार एवं भाकृअनुप परिषद स्थित संस्थानों/केन्द्रों आदि के 50 से अधिक अधिकारियों/कर्मचारियों ने लाभ उठाया।
समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.एम.एस.साहनी, पूर्व निदेशक,एनआरसीसी ने कहा कि भारत के प्राचीन ग्रन्थों में एक्यूप्रेशर के एक स्वरूप के तौर पर विभिन्न मुद्राओं आदि का उल्लेख मिलता है जिससे लोग स्वस्थ एवं निरोग रहते थे, वहीं वैश्विक परिदृश्य में चीन, जापान आदि में इसे एक्यूपंचर के तौर पर अपनाया गया। डॉ.साहनी ने एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति को अत्यंत लाभकारी बताते हुए इसे लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि इसके माध्यम से व्यक्ति स्वयं का उपचार कर सकता है।
इस अवसर पर केन्द्र निदेशक एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.आर्तबन्धु साहू ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति थकावट, अनिद्रा, तनाव आदि से ग्रस्त रहता है, ऐसे में अनचाहे रोगों से मुकाबले और दवाइयों की निर्भरता को कम करने में एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति लाभदायक है। डॉ.साहू ने ग्रामीण से शहरी परिवेश में जीवन शैली में आए बदलाव तथा एक्यूप्रेशर पद्धति से स्वयं का स्वयं द्वारा इलाज संभव होने की बात कही।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.कपिल गोम्बर, निदेशक एवं मुख्य फिजियो थैरेपिस्ट, बीकानेर ने फिजियो थैरेपी पर व्याख्यान प्रस्तुति के दौरान कहा कि इस मशीनी युग में प्रैक्टिकल ट्रीटमेंट के लिए फिजियो थैरेपी एक बढ़िया विकल्प माना जा सकता है, इसका लाभ लिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर एक्यूप्रेशर रिसर्च एंड ट्रीटमेंट इंस्टिट्यूट, जोधपुर के डॉ.नरपत सिंह एवं डॉ.भौम सिंह ने सदन को इस पद्धति द्वारा उपचार के विभिन्न सरल तरीके बताए। इस दौरान केन्द्र के डॉ.आर.के.सावल, प्रधान वैज्ञानिक ने भी अपने विचार साझा किए। समापन के इस अवसर पर डॉ.आर.ए.लेघा, डॉ.सुधीर कुमार, डॉ.बीरबल आदि गणमान्य जन भी मौजूद रहे। डॉ.वेद प्रकाश, प्रभारी स्टाफ वेलफेयर क्लब ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।
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