बीकानेर के संभागीय आयुक्त पद से आईएएस अधिकारी नीरज के. पवन का ट्रांसफर होने के साथ ही राज्य सरकार का विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को कलेक्टरी पर बड़ी संख्या में लोगों ने धरना शुरू कर दिया। इन लोगों की मांग है कि ट्रांसफर को निरस्त करके पवन को फिर से बीकानेर का संभागीय आयुक्त बनाया जाए।
पिछले दिनों राज्य सरकार ने पवन का ट्रांसफर बीकानेर संभागीय आयुक्त से आयुर्वेद विभाग के शासन सचिव के रूप में कर दिया। स्वयं पवन इस पद से रिलीव हो चुके हैं और सोमवार को उनके आयुर्वेद विभाग में ज्वाइन करने की सूचना मिल रही है। इस बीच उनसे जुड़े रहे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। शुक्रवार को आदेश आने के साथ ही विरोध हुआ लेकिन शनिवार को ये विरोध बढ़ गया। बिना किसी संगठन या मंच के ही कलक्टरी पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। इनमें महिलाएं और युवतियां भी बड़ी संख्या में पहुंची। राजनीतिक पार्टियों के लोग भी यहां पहुंचे।
जनहित कार्यों से बढ़ी लोकप्रियता
अतिक्रमणों को हटाकर उसकी जगह रास्ते चौड़े करने जैसे काम करके संभागीय आयुक्त आम जनता में लोकप्रिय हो गए। खासकर केईएम रोड पर रेलवे क्रासिंग समस्या के समाधान के लिए उन्होंने कई काम किए। पहले जहां क्रोसिंग बंद होने पर भारी भीड़ हो जाती थी, वहीं अब ऐसा नहीं होता। एक तरफा रास्ते भी अनेक बनाए। कई सरकारी भवनों की दीवारे तोड़कर रास्ते चौड़े कर दिए।
डॉ. कल्ला के खिलाफ नारेबाजी
विरोध के दौरान केबिनेट मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। आरोप लगाया जा रहा है कि सर्वोदय बस्ती में अतिक्रमण तोड़ने से कल्ला नाराज थे, इसी कारण नीरज के. पवन का ट्रांसफर हो गया। इसके अलावा करमीसर सहित अनेक क्षेत्रों में अतिक्रमण तोड़ने पर भी डॉ. कल्ला ने नाराजगी जताई थी। डॉ. कल्ला कहना है कि प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की जानी चाहिए।
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