बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ में नाबालिग छात्रा ओर शिक्षिका के मामलों को लेकर एक बार फिर आमजन को प्रशासन आमने-सामने आ गए है। बीते दिनों ही पुलिस ने करीब 400 लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने,भडकाऊ भाषण देने, राजकार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज किया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इसी को लेकर आज व्यापारियों ने एक बैठक की। जिसमें व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि प्रशासन दबाव में काम कर रहा है। व्यापारियों की यह बैठक मुख्य बाजार में हुई। जिसमें सामूहिक रूप से प्रशासन के कदम का विरोध करते हुए अनिश्वकालीन बंद का एलान किया गया है। ऐसे में शुक्रवार एक बार फिर श्रीडूंगरगढ़ बंद रहेगा। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा दबाव में पीडि़त परिवार के लोगों को ही आरोप बनाया है जो कि न्याय संगत नहीं है।
श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी अशोक बिश्नोई ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि पांच जुलाई को थाना भवन के सामने नेशनल हाइवे पर एकत्र होकर रास्ता जाम किया गया। इतना ही नहीं धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी की गई। उग्र नारे लगाए गए। इस दौरान पुलिसकर्मियों को भी उनकी ड्यूटी नहीं करने दी गई। इन लोगों ने न्यूसेंस फैलाते हुए लोगों को भड़काया और बिना पूर्व अनुमति के शक्ति प्रदर्शन किया गया। श्रीडूंगरगढ़ के मुख्य बाजार से थाने तक रैली निकाली गई। चार जुलाई को नेशनल हाईवे जाम किया गया।
इनको किया नामजद
FIR में रणजीत पुत्र जगदीश प्रसाद सोनी निवासी कालूवास श्रीडूंगरगढ, पवन सोनी पुत्र जगदीश प्रसाद सोनी निवासी कालूवास, रणजीत सोनी की पत्नी सपना सोनी, पवन सोनी की पत्नी अयोध्या सोनी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनके साथ ही तीन-चार सौ अन्य का जिक्र किया गया है।
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