बीकानेर के खाजूवाला में दलित महिला के साथ गैंगरेप और इसके बाद हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त दिनेश बिश्नोई का DNA टेस्ट करवाएगी। इस टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि दिनेश गैंगरेप में शामिल रहा है या नहीं? इस मामले में दो तत्कालीन पुलिस कांस्टेबल मनोज और भागीरथ की भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है।
माना जा रहा है कि दिनेश बिश्नोई का DNA टेस्ट एक-दो दिन में हो जाएगा। इसके लिए उसे बीकानेर लाया जाएगा। यहां पीबीएम अस्पताल में ये टेस्ट होगा और इसकी रिपोर्ट के बाद ही जांच आगे बढ़ सकेगी। दरअसल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुलिस को जो तथ्य मिले हैं, उसके कारण ही DNA टेस्ट करवाया जा रहा है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। उधर, मनोज और भागीरथ गैंगरेप में शामिल थे या नहीं, ये भी दिनेश बिश्नोई से पूछताछ और रिपोर्ट्स के आधार पर ही तय होगा।
अब तक गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस अब तक छह जनों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें मुख्य अभियुक्त दिनेश बिश्नोई के अलावा बर्खास्त कांस्टेबल मनोज, सस्पेंड कांस्टेबल भागीरथ, दिनेश के पिता ओमप्रकाश, मकान किराए पर लेने वाले जस्सा, कार में पीड़िता को अस्पताल पहुंचाने वाला राकेश भी शामिल है। अब इस मामले में दिनेश को भागने में मदद करने वाले और उसे पनाह देने वालों की भूमिका का पता लगाया जा रहा है। हालांकि पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक दिनेश ने जिन लोगों को फोन किया, उनमें अधिकांश ने उसकी मदद नहीं की। अलबत्ता पुलिस को इन्हीं लोगों की मदद भी मिली थी।
होंगे कुछ और खुलासे
इस मामले में अब तक कुछ और खुलासे होने शेष है। पीड़ित महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट के साथ ही दिनेश बिश्नोई की कॉल डिटेल से कई नए खुलासे हो सकते हैं। ये स्पष्ट हो चुका है कि घटना के दिन ही दिनेश बिश्नोई और पीड़ित महिला के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इससे पहले भी कब-कब बातचीत हुई, सोशल मीडिया पर दोनों के बीच क्या चैटिंग हुई? इन सबका खुलासा भी जल्द ही हो सकता है।
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