सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत बच्चियों और युवतियों के नाम से फर्जी आईडी तैयार कर 22 लाख से अधिक की एकल नारी विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन उठाने का मामला सामने आया है। उपखंड प्रशासन ने अब तक 85 बच्चियों के नाम से फर्जी डॉक्यूमेंट पकड़े हैं। इस संबंध में एक ई मित्र संचालक का लाइसेंस निलंबित कर उसकी आईडी निरस्त कर दी गई है।
मामला उपखंड के 25केवाईडी गांव का है। स्मार्ट फोन योजना के तहत लाभार्थियों के मोबाइल नंबरों की जांच के दौरान इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। छह वर्ष की आयु से लेकर 23 वर्ष की तक की युवतियों और बच्चियों के नाम से फर्जी आईडी बना पीपीओ नंबर डालकर विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन उठाई है। यह गौरखधंधा 2020 से चल रहा था। अब तक 500 आधार की जांच में 85 फर्जी डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें 22 लाख से ज्यादा की पेंशन उठाई गई है। यह रकम खाजूवाला, बीकानेर, उदयपुर सहित प्रदेश के कई जिले और दिल्ली तक के बैंकों में जमा हुई है।
मामला उजागर होने के बाद खाजूवाला के मीनाक्षी ई मित्र संचालक हरदीप सिंह का लाइसेंस निलंबित कर उसकी आईडी भी निरस्त कर दी गई है। जांच कमेटी बैठाकर आधार और जन आधार का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इस फर्जीवाड़े की शिकायत ग्रामीणों ने खाजूवाला थाने भी की है, लेकिन अब तक पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं हो पाया है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा
कोरोना काल में शुरू हुआ था फर्जीवाड़ा, तब विधवा पेंशन का वेरिफिकेशन नहीं होता था
24 साल की संजू को 79 की बताया
छिंद्रपाल की बेटी संजू (24) को आईडी में एकल नारी विधवा के तहत पात्र बताया गया था। जब पेंशन प्रार्थना पत्र ऑनलाइन निकाला तो उसमें जन्मतिथि जनवरी 1944 थी। जबकि आधार कार्ड व जन आधार कार्ड के नंबर संजू के हैं। पेमेंट उदयपुर के बैंक में बताया गया था।
स्मार्ट फोन योजना के तहत मोबाइल नंबरों की जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। 23 केवाईडी के ग्राम विकास अधिकारी सचिन खत्री ने लाभार्थी की पात्रता की जांच की तो पता चला कि उसके फोन नंबर से लिंक आधार कार्ड की मदद से विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन उठाई जा रही थी। पूरी लिस्ट खंगाली तो ऐसे 75 केस सामने आए, जिनमें पीपीओ नंबर, विधवा या वृद्ध महिला का नाम और संबंधित जिला व पंचायत का नाम अंकित था।
मसलन संजू के आधार से पीपीओ नंबर 11561982 को लिंक किया गया था। इस पर सोना देवी नामक महिला 31 अगस्त 2020 से विधवा पेंशन ले रही थी। उसने 17 अगस्त 23 तक पेंशन उठाई है। सचिन खत्री ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा कोरोना काल 2020 के दौरान हुआ था। क्योंकि उस वक्त वेरीफिकेशन नहीं होता था। ई मित्र पर आधार और पीपीओ नंबर अपलोड करते ही पेंशन शुरू हो जाती थी। सरकार ने यह सुविधा विधवा एवं बुजुर्गों को राहत प्रदान करने के लिए दी थी, लेकिन कुछ ई मित्र संचालकों ने इसका दुरुपयोग किया। उन्होंने आशंका जताई है कि फर्जीवाड़ा काफी बड़े स्तर पर हो सकता है। पूरे प्रदेश में इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। यह एक गिरोह भी हो सकता है, जिसका नेटवर्क काफी बड़ा है।
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