सब खैरियत है......मुकेश पूनिया
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ओएसडी की लॉचिंग से कांग्रेस में हलचल
बीकानेर। सीएम के ओएसडी ने बीकानेर के साथ-साथ भीलवाड़ा में लॉचिंग कर दी है। अपनी टिकट के लिये बीकानेर की दोनों सीटो से दावेदारी कर चुके ओएसडी में भीलवाड़ा शहर में भी जगह-जगह अपने बैनर और पोस्टर्स वहां के कांग्रेसी टिकट के दावेदारों की नींदे उड़ा रखी है। हालांकि ओएसडी ने भीलवाड़ा की किसी भी सीट से अपनी दावेदारी नहीं की है,लेकिन वहां कांग्रेसी आशंकित है कि बंदा प्रभावशाली होने के साथ सीएम सॉब का खासम खास है इसलिये अपनी टिकट की दावेदारी जब चाहे बीकानेर से भीलवाड़ा ट्रांसवर करवा सकता है । मजे कि बात तो यह है कि सीएम सॉब ने अपने इस ओएसडी को उर्जावान चेहरे के तौर पर लांच किया है मगर कांग्रेसी इन्हे हजम नहीं कर पा रहे है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।
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बदलती हवा का रूख भांप चुके अफसर
राजस्थान की सत्ता में बदल रहे हवा के रूख को भांप चुके सिस्टम के कई अफसर अब नेताओं के बजाय बीजेपी नेताओं को ज्यादा भाव देने लगे है। इसका ताजा मामला बीकानेर के प्रशासनिक गलियारों में खूब छाया हुआ है। बताया जाता है कि लूणकरणसर इलाके के एक खेत की जमीन पर सोलर प्लांट लगाने की फाईल लेकर महिनेभर तक प्रशासन के गलियारों की खाक छान रहे कांग्रेसी नेताजी ने थक हारकर फाईल वापिस कंपनी वालों को लौटा दी,अब यही फाईल जब एक भाजपाई नेताजी के जरिये सिस्टम के अफसरों तक पहुंची तो दो ही दिन में सोलर प्लांट की परमिशन मिल गई । इस मामले में सिस्टम के अफसरों से आहत हुए कांग्रेसी नेताजी ने शासन सचिवालय तक अपनी शिकायत पहुंचाई मगर वहां भी कोई खास रिस्पांस नहीं मिला,ऐसे में माना जा रहा है प्रशासन में नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे अफसरों ने राजस्थान में सत्ता की बदलती हवा का रूख भांप लिया है,इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।
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कल्लाजी नहीं छोड़ेंगे मैदान
कांग्रेसी खेमें में चुनावी टिकटों की गहमागहमी के बीच कई मजेदार खबरें सामने आ रही है,ताजा खबर यह सामनें आई है कि बीकानेर पश्चिम सीट से टिकट को लेकर आशंकित केबिनेट मंत्रीजी को उन्ही के एक करीबी ने सलाह दे डाली कि यहां पार पड़ती नहीं दिख रही है तो फलौदी की ओर रूख कर लो,जहां टिकटों के लिये ज्यादा मारामारी नहीं है और जिला भी नया घोषित हुआ है। हालांकि केबिनेट मंत्री जी ने एक बार तो अपने करीबी की सलाह मानकर फलौदी से दावेदारी का मानस बना लिया था,लेकिन फलौदी में गहराई सत्ता विरोधी लहर का रूख भांपकर अपना मानस बदल लिया। ऐसे में माना जा रहा है कि केबिनेट मंत्रीजी बीकानेर पश्चिम में ही अपना दावा मजबूत करेगें,इसके लिये चाहे कुछ भी करना पड़े । इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।
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दबे मामले में उठ रही भ्रष्टाचार की चिंगारी
भाजपा के बुजुर्ग क्रांतिकारी नेता ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को खुली चुनौति देकर खुद का कैरियर भले ही चौपट कर लिया हो,मगर इससे किरकरी केन्द्रीय मंत्री की भी खूब हो रही है। पता चला है कि बुजुर्ग नेता ने केन्द्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाये थे वो निराधार नहीं थे,उनमें दम था। बुजुर्ग नेता ने आरोप लगाने के बाद जोर देकर दावा किया था कि भ्रष्टाचार से जुड़े केन्द्रीय मंत्री के पुराने मामले को दबाना आसान नहीं था। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर इस मामले की फाईल वापस खुल गई तो अफसरी छोडक़र सियासी पारी खेल रहे केन्द्रीय मंत्री को नपते ज्यादा देर नहीं लगेगी,मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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