बीकानेर। खाजूवाला और छत्तरगढ़ को वापस बीकानेर में मिलाने की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने एसआई और एएसआई सहित बड़ी संख्या में कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों को बंदी बना लिया है। दरअसल, आंदोलनकारियों ने एसडीएम ऑफिस पर ताला लगा दिया, जिसमें एएसआई और एएसआई, कांस्टेबल और क्लर्क्स अंदर ही रह गए। दोपहर तक इन्हें बाहर आने की छूट नहीं दी गई।
खाजूवाला पुलिस थाने के पास ही पिछले एक महीने से क्षेत्र के लोग आंदोलन कर रहे हैं। धरना और प्रदर्शन के बाद सरकार ने आश्वासन दिया लेकिन आदेश नहीं हुए। मंगलवार को ये कर्मचारी एसडीएम ऑफिस पहुंच गए। यहां पर ताला लगा दिया। इस दौरान यहां आवंटन सलाहकार समिति की मीटिंग चल रही थी। आंदोलन उग्र होने पर पुलिस मौके पर पहुंची। जैसे ही एसआई और एएसआई सहित चार-पांच कांस्टेबल अंदर गए। आंदोलनकारियों ने बाहर से ताला लगा दिया। इस दौरान अनेक मंत्रालयिक कर्मचारी भी अंदर थे।
आंदोलनकारियों ने सोमवार को ही तालाबंदी करने की चेतावनी दी थी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक बीकानेर से कलेक्टर या संभागीय आयुक्त उनसे वार्ता नहीं करेंगे, तब तक तालाबंदी नहीं खोली जाएगी। ग्रामीण अब दंतौर उप तहसील को खाजूवाला में किया शामिल करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एडवोकेट पुरुषोत्तम सारस्वत, मोहनलाल सिहाग, एडवोकेट सलीम खान, एडवोकेट भूपेंद्र सिंह, गुलाम मुस्तफा, मुसे खान दहिया ने प्रशासन को त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया है।
अंदर काम निपटा रहे हैं कर्मचारी
एसडीएम कार्यालय के अंदर कर्मचारी है और बाहर ताला लगा हुआ है। इन कर्मचारियों को सुबह से चाय-नाश्ता भी नहीं मिला है। हालांकि अधिकांश कर्मचारी अपना अपना काम कर रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि जिला प्रशासन जल्द ही आंदोलनकारियों से वार्ता करेंगे और उन्हें यहां से निकालेंगे।
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