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आचार संहिता से पहले गहलोत का मास्टरस्ट्रोक ! गहलोत ने की 3 नए जिलों की घोषणा

India-1stNews


आचार संहिता से पहले गहलोत का मास्टरस्ट्रोक ! गहलोत ने की 3 नए जिलों की घोषणा






सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा सियासी दांव खेलते हुए राजस्थान में तीन नए जिले बनाने की घोषणा कर दी है। शुक्रवार को सीएम गहलोत ने गौ सेवा सम्मेलन में सुजानगढ़, मालपुरा, कुचामन को नए जिले बनाने का ऐलान किया है। तीन नए जिले बनने के बाद राजस्थान में जिलों की संख्या 53 हो जाएगी। आचार संहिता लगने से ऐन पहले हुई इस घोषणा को चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

डीडवाना से कुचामन को अलग किया गया


कुछ ही महीनों में डीडवाना-कुचामन जिले को दो भागों में बांट दिया गया है। डीडवाना-कुचामन पहले नागौर जिले में आते थे। इसके साथ ही चूरू से सुजानगढ़ को और टोंक से मालपुरा को अलग करके नए जिले बनाए जाएंगे।


गहलोत ने कहा की हम रामलुभाया कमेटी को ये तीन नए जिले बनाने का प्रस्ताव भेज रहे हैं। बाकी क्षेत्रों से आई हुई मांगों के बारे में भी हम परीक्षण करवाएंगे। कुचामन और नावां क्षेत्र के लोग अलग जिले बनाने की मांग कर रहे थे। सुजानगढ़ के विधायक और स्थानीय लोग भी लंबे समय से मांग कर रहे थे, इसके लिए धरने दिए प्रदर्शन किए।
गहलोत ने कहा कि हमारे ऊर्जा मंत्री रहे डॉ. चंद्रभान मालपुरा को जिला बनाने की मांग कर रहे थे, इसीलिए तीन नए जिले बनाने का प्रस्ताव रामुलुभाया कमेटी को आज ही भेज रहे हैं। इनके सीमांकन का काम रामलुभाया कमेटी और राजस्व विभाग मिलकर करेंगे। बाकी जगह भी लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं, वे रामलुभाया कमेटी के सामने अपनी मांगें रखें।

आचार संहिता से पहले नोटिफिकेशन जरूरी, तभी बनेंगे जिले

सीएम ने तीन नए जिलों की अभी घोषणा की है। अभी रामलुभाया कमेटी को सिफारिश भेजी जा रही है। रामलुभाया कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। उस आधार पर तीन जिलों का सीमांकन होगा। सीमांकन के बाद इनका नोटिफिकेशन होगा। नोटिफिकेशन के बाद ही तीनों नए जिले बन सकेंगे। अब कभी भी चुनाव आचार संहिता लग सकती है, इसलिए नोटिफिकेशन नहीं हुआ तो तीनों जिले घोषणा तक ही रह जाएंगे।


राजस्थान अब 50 जिलों के साथ देश का तीसरा सबसे ज्यादा जिलों वाला राज्य बन गया है, लेकिन चुनाव से पहले कई और नए जिले और संभाग बनाए जा सकते हैं। खुद मुख्यमंत्री भी इसके संकेत दे चुके हैं।


इसलिए नए जिलों के लिए गठित रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल भी 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इस कमेटी के पास फिलहाल 32 शहरों या बड़े कस्बों को जिला बनाने के प्रस्ताव आ चुके हैं, जिनका पिछले डेढ़ महीने से परीक्षण किया जा रहा था।
इनमें से 8 से 10 शहरों को जिला बनाने योग्य माना जा रहा है। कई क्षेत्रों की फाइल तो खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों-मंत्रियों और आम जनता की मांग पर कमेटी के पास भिजवाई है। सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही और नए जिलों की घोषणा कर सकती है।




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