शारदीय नवरात्रि आज से शुरू,पूरे दिन में एक ही मुहूर्त, इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना
बीकानेर। शारदीय नवरात्र की शुभ शुरुआत आज से शुरू हो रही है, इसे लेकर मंदिरों से लेकर घरों तक लोगों ने तैयारी की है। सवेरे शुभ मुहूर्त में घट स्थापना की जाएगी। इसके बाद अगले नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना होगी। श्रद्धालु व्रत रखेंगे। इस बार घट स्थापना के लिए दिनभर में एक ही शुभ मुहूर्त है, इस बार अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक नौ दिन नवरात्र होंगे। 23 अक्टूबर को नवमी होगी। 24 को दशहरा मनेगा।
देशनोक करणी मंदिर निजी प्रन्यास के अध्यक्ष बादल सिंह बारठ ने बताया कि रविवार सुबह 11.55 बजे से 12.41 बजे के बीच मंदिर में नवरात्र स्थापना की जाएगी।
नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त
नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर 12:41 तक रहेगा।
प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 PM से शुरू होगी।
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 16 अक्टूबर 2023 को 12:32 AM पर होगी।
चित्रा नक्षत्र का प्रारम्भ 14 अक्टूबर 2023 को 04:24 PM पर होगा।
चित्रा नक्षत्र की समाप्ति 15 अक्टूबर 2023 को 06:13 PM पर होगी।
वैधृति योग का प्रारम्भ 14 अक्टूबर 2023 को 10:25 AM बजे होगा।
वैधृति योग की समाप्ति 15 अक्टूबर 2023 को 10:25 AM बजे होगी।
नवरात्रि 2023 तिथियां
तारीख और वार नवरात्रि का दिन नवरात्रि तिथि नवरात्रि अनुष्ठान
15 अक्टूबर 2023, रविवार नवरात्रि दिन 1 प्रतिपदा मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
16 अक्टूबर 2023, सोमवार नवरात्रि दिन 2 द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी पूजा
17 अक्टूबर 2023, मंगलवार नवरात्रि दिन 3 तृतीया मां चंद्रघंटा पूजा
18 अक्टूबर 2023, बुधवार नवरात्रि दिन 4 चतुर्थी मां कुष्मांडा पूजा
19 अक्टूबर 2023, गुरुवार नवरात्रि दिन 5 पंचमी मा स्कंदमाता पूजा
20 अक्टूबर 2023, शुक्रवार नवरात्रि दिन 6 षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
21 अक्टूबर 2023, शनिवार नवरात्रि दिन 7 सप्तमी मां कालरात्रि पूजा
22 अक्टूबर 2023, रविवार नवरात्रि दिन 8 अष्टमी मां महागौरी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा
23 अक्टूबर 2023, सोमवार नवरात्रि दिन 9 नवमी मां सिद्धिदात्री पूजा, दुर्गा महा नवमी पूजा
24 अक्टूबर 2023, मंगलवार नवरात्रि दिन 10 दशमी नवरात्रि पारणा, दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी
नवरात्रि घटस्थापना सामग्री की लिस्ट
लकड़ी की चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए पीला या लाल कपड़ा, घट स्थापना के लिए कलश ढक्कन के साथ, जौ बोने के लिए मिट्टी का बर्तन, कलश के लिये आम के पत्ते, गंगाजल, रोली, सिन्दूर, सुपारी, कलावा, हल्दी की गांठ, जायफल, जौ, तिल, कलश के ऊपर रखने के लिए नारियल, पंचमेवा, मिश्री, सूखे मेवे, फल, मखाने, घी, माता के लिये वस्त्र, माता के लिए सुहाग का सामान, पूजन के लिए पान के पत्ते, पूजा के लिए फूल माला आदि।
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