शर्मनाक...लोक लाज के डर से दुधमुंही बच्ची का जीवन ही छीन लिया नानी ने
बीकानेर। नवरात्रा में जब घर-घर में कन्या पूजा हो रही है ऐसे में एक नवजात कन्या की जन्म लेते ही माता-पिता और परिजनों ने जान ले ली। पीबीएम अस्पताल में कन्या के जन्म लेते ही परिजनों ने उसकी जान लेने की योजना बना ली। नवजात और उसकी मां को डॉक्टर की इजाजत के बिना ही घर ले गए। लोक लाज के कारण देर रात नवजात को नहर में फेंक दिया जिससे उसकी मौत हो गई। जामसर थाना इलाके में नहर में मिले नवजात बच्ची के शव मामले में नया मोड़ आ गया है। बच्ची को नहर में फेंक कर हत्या की गई। हत्या के मामले में पुलिस ने नवजात की नानी समेत दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि प्रसूता की मां खारी निवासी राधा देवी (43) पत्नी राजूराम गवारिया, प्रसूता के चाचा काशीराम (36) पुत्र रामेश्वर लाल गवारिया एवं समधी श्रीडूंगरगढ़ के बिग्गा निवासी सुरेश कुमार (40) पुत्र नाथूराम गवारिया को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस
एसएचओ इन्द्र कुमार ने बताया कि बच्ची के शव पर लगे टैग के आधार पर पुलिस ने परिजनों की तलाश शुरू की। टैग पर प्रसूता और उसके पति का नाम लिखा था। आरोपी पीबीएम से प्रसूता की भर्ती फाइल भी लेकर चले गए थे। फिर भी पुलिस ने बच्ची के हाथ पर लगे टैग और सीसीटीवी कैमरों से तलाश जारी रखी। तब पुलिस को खारी निवासी एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला। पुलिस ने खारी जाकर पड़ताल की, तब आरोपी परिवार के सावंतसर में रहने का पता चला। पुलिस ने वहां पहुंच कर सख्ती से पूछताछ की, तो आरोपियों ने राज उगल दिया।
पुलिस के समक्ष उगला राज
एसएचओ के मुताबिक, युवती की शादी हो चुकी है, लेकिन गौना नहीं हुआ। इसी बीच वह गर्भवती हो गई। युवती अपने मां-बाप के पास ही रह रही थी। गत 15 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा होने पर उसे पीबीएम अस्पताल भर्ती कराया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बाद में परिजन उसे बिना डिस्चार्ज कराए बच्ची समेत लेकर सावंतसर आ गए। यहां पहुंचने के बाद लोकलाज के चलते युवती को घर पर छोड़ दिया। उसकी मां राधा, चाचा काशीराम व समधी सुरेश नवजात बच्ची को लेकर धीरेरां नहर की पुली पर गए। वहां बच्ची को नहर में फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
प्रसूता को बताया...बच्ची मर गई
एसएचओ के मुताबिक, पीडिता से पूछताछ में उसने बताया कि वह बेहोश थी। गांव आने के काफी देर बाद होश आया। तब बच्ची के बारे में पूछने पर बताया गया कि वह मर गई। पुलिस से ही पीड़िता को पूरे घटनाक्रम का पता चला कि बच्ची मरी नहीं थी, बल्कि उसकी हत्या की गई है।
न फेंके ना मारे, पालनाघर में छोड़े
पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने लोगों से अपील की है कि नवजात बच्चियों को लोग न झाड़ियों में फेंके और न ही मारें। अगर वे बच्ची को रखना नहीं चाहते हैं, तो सरकार की ओर से सरकारी अस्पताल, शिशु गृह आदि में लगे पालना में छोड़ दें। ताकि सरकार उन्हें पाल-पोस सके और बचा सके।
पहले भी सामने आ चुका है एक मामला
नवजात बच्ची को नहर में फेंक कर हत्या करने का इस साल एक मामला छतरगढ़ थाना इलाके में पहले भी सामने आ चुका है। यहां माता-पिता ने अपनी साढ़े तीन माह की बच्ची को नहर में फेंक दिया था। कोलायत तहसील के दियातरा गांव निवासी कंवरलाल (35) और उसकी पत्नी गीता देवी (33) को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने बच्ची को आईजीएनपी की मुख्य नहर में फेंका था, जहां बच्ची की मौत हो गई थी।
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