मिस मूमल गरिमा विजय ने की अनूठी पहल, ताकि वृद्धों को ना रहना पड़े वृद्धाश्रम में, युवाओं से भरवाए वृद्धों की सेवा के संकल्प पत्र
बीकानेर। वृद्धजनों का सम्मान और सेवा करना भारतीय संस्कृति है। संस्कृति के इसी पहलू की रक्षा के लिए संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर रही मिस मूमल गरिमा विजय 2023 ने एक अनूठी पहल की। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को गांधी पार्क में एक अनौपचारिक आयोजन किया गया। गरिमा ने बताया कि देश में वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ रही है। बीकानेर के वृद्धाश्रम में तीन सौ से अधिक बुजुर्ग सेवा पा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे वृद्ध हैं, जिनका परिवार है, लेकिन परिवार ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया। इसलिए वें युवा पीढ़ी को वृद्धों की सेवा के प्रति जागरूक कर भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए संकल्पित हुई है। कार्यक्रम में समाजसेवी सुमन छाजेड़, डॉ पुष्पा शर्मा, व्याख्याता सुनीता विश्नोई, उपासना जैन, चांद राठौड़, बबीता सामसुखा, शशिराज गोयल, योगिता भाटी, इशिता तंवर, हर्षिता शर्मा ने बुजुर्गों के प्रति अपने भाव व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से बुजुर्गों की बेकद्री बढ़ रही है, वह समाज व देश के लिए बेहद चिंता का विषय है। ऐसे समय में गरिमा विजय का भारतीय संस्कृति के लिए कार्य करना सराहनीय है। इस दौरान गरिमा ने सभी से बुजुर्गों की सेवा करने तथा उन्हें कभी भी वृद्धाश्रम ना छोड़ने का संकल्प पत्र भरवाया।गरिमा ने सभी को बुजुर्गों की सेवा व उन्हें कभी अनाथ ना छोड़ने की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम में सुमन छाजेड़, डॉ पुष्पा शर्मा, सुनीता विश्नोई, राजश्री कच्छावा, भानु आनंद, उपासना जैन, बबिता सामसुखा, राधा खत्री, बसंती, मीनू सिंह, चंदा राठौड़, लतिका स्वामी, हर्षिता शर्मा, इशिता कंवर, योगिता भाटी आदि शामिल हुए।
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