शनिवार से होगा आगाज़, इस रूट से निकलेगी शोभायात्रा, संत करेंगे नगर भ्रमण, 108 कुंडीय श्रीरामचरित मानस महायज्ञ 19 से
बीकानेर। शनिवार की सुबह बीकानेर के लिए ऐतिहासिक होने जा रही है। संतों के आगमन से अब बीकानेर की धरा छोटी काशी से बड़ी काशी में बन जाएगी। 19 नवम्बर रविवार को पद्मविभूषित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्यजी महाराज के श्रीमुख से श्रीराम कथा सुनने का अवसर बीकानेरवासियों को मिलने जा रहा है। रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि इससे पहले 18 नवम्बर शनिवार को संत-महात्मा पूजनीय दुर्लभ-दर्शनीय, त्यागी, तपस्वी, संत, सभी अखाड़ों से महामण्डलेश्वर, धर्माचार्य एवं नागा महात्यागी संत नगर भ्रमण करेंगे। ऊंट, घोड़ा, बग्गी, रथ पर सवार इन संत-महात्माओं का जत्था नगर भ्रमण करेगा। यह संत नगर भ्रमण शनिवार सुबह नौ बजे रामझरोखा कैलाशधाम से सुजानदेसर बाबा रामदेवजी मंदिर, श्रीरामसर रोड, नत्थूसर गेट, नयाशहर थाना, जस्सूसर गेट, चौखूंटी, फड़ बाजार, हैड पोस्ट ऑफिस, सादुलसिंह मूर्ति सर्किल, केईएम रोड, कोटगेट, जेल रोड, कोतवाली, ठठेरा मोहल्ला, भुजिया बाजार, लक्ष्मीनाथ मंदिर, गोपनाथ महादेव मंदिर दोपहर 12 बजे तक पहुंचेगी। गोपनाथ मंदिर में पहले से ही उपस्थित कलश यात्रा में शामिल हो जाएंगे। यहां से महिलाएं सिर पर कलश रखे हुए तथा एक ही परिधान में महिलाएं गोपनाथ मंदिर से गंगाशहर होते हुए सुजानदेसर रोड से रामझरोखा कैलाशधाम के आयोजन स्थल सियाराम नगर पहुंचेगी। कलशयात्रा से पहले संत नगर भ्रमण यात्रा का पूरे मार्ग में सैकड़ों स्थानों पर लोगों द्वारा पुष्पवर्षा से स्वागत किया जाएगा। कार्यक्रम सचिव श्रीभगवान अग्रवाल ने बताया कि महंत गुरु रामदासजी महाराज के आशीर्वाद से इस दिव्य आयोजन को लेकर तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। यज्ञाचार्य पं. जुगलकिशोर ओझा के आचार्यत्व में यज्ञ, पूजन अनुष्ठान सम्पन्न होंगे।
रविवार सुबह पधारेंगे प्रभु...
कार्यक्रम संयोजक अशोक मोदी ने बताया कि पद्मविभूषित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्यजी महाराज 19 नवम्बर, रविवार सुबह नौ बजे जयपुर रोड वृन्दावन एन्क्लेव के पास पधारेंगे। जहां पर उनका स्वागत किया जाएगा। वहां से हल्दीराम प्याऊ, म्यूजियम सर्किल, अम्बेडकर सर्किल, मॉर्डन मार्केट, केईएम रोड, कोटगेट थाने के आगे से डाक बंगला, रानी बाजार चौराहा, गोगागेट, प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र गंगाशहर होते हुए रामझरोखा कैलाशधाम पहुंचेंगे।
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