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नशे का अवैध व्यापार: सख्ती, समझाइश व कड़ी निगरानी के बीच बढ़ती खपत व बरामदगी बजा रही खतरे की घंटी

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नशे का अवैध व्यापार: सख्ती, समझाइश व कड़ी निगरानी के बीच बढ़ती खपत व बरामदगी बजा रही खतरे की घंटी

बीकानेर। घर के चिरागों के लिए नशा इस समय मौत कारण बनता जा रहा है। परिवार का भविष्य नशे के जाल में फंसकर हार रहा है। पिछले कुछ महीनों से जिले की सीमावर्ती क्षेत्र की मंडियों सहित गांवों के युवाओं में डोडा-पोस्त की लत तेजी से बढ़ रही हैं। जहां पांच-छह साल पहले तक डोडा-पोस्त सहित अन्य नशे के पदार्थों की तस्करी के इक्का-दुक्का मामला ही सामने आते थें। अब हालात यह है कि रोजाना नशे के मामले पकड़े जा रहे हैं।

मानो जैसे कि नशे के व्यापार करने वाले में होड़ लग गई हो। इस वर्ष शुरुआत में हेरोइन तस्करी व बरामदगी में डेढ़ सौ गुणा से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। डोडा-पोस्त बरामद करने के लिए पुलिस की पीठ थपथपाई जा सकतीं है। दूसरी ओर डोडा-पोस्त की बढ़ती खपत व बरामदगी खतरे की घंटी भी बजा रहीं है।

गौरतलब है कि छतरगढ़ पुलिस ने वर्ष 2016 में थाना क्षेत्र से महज 16 किलो डोडा-पोस्त जब्त किया गया था। अब तक इस वर्ष पांंच सौ किलोग्राम से ज्यादा की बरामदगी हो चुकी है। मतलब नशा करने की संख्या बढ़ रही है। नशे का अवैध व्यापार रोकने के लिए बीकानेर जिला पुलिस की ओर से अभियान ऑपरेशन प्रहार चला रखा था। इससे सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में इस अभियान का सकारात्मक असर नजर आया है। इस तरह के प्रयास पुलिस के साथ सामाजिक संगठनों को भी करने की जरूरत है। नशा कानून के साथ ही सामाजिक तौर पर भी बड़ी समस्या है।

सर्वाधिक डोडा-पोस्त के नशेड़ी
सीमावर्ती क्षेत्र की मंडियों के युवा को अफीम, चिटा, हेरोइन के साथ बड़ी तादाद में डोडा-पोस्त का नशा तेजी से आदी बना रहा है। इसका प्रमाण है कि सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ते अपराध के साथ आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पिछले कुछ समय से नशा मुक्त केंद्रों में सर्वाधिक डोडा-पोस्त व मेडिकेटेड नशे के रोगी भर्ती हो रहे। अन्य तरह के नशा रोगियों की तादाद इनसे तुलनात्मक कम रहती है।

सीमावर्ती में तेजी से फैला नशा
पहले पंजाब से नशीले पदार्थों की सप्लाई जिले में होने की बात सामने आती थी, लेकिन इन नशीले पदार्थों की आपूर्ति जोधपुर से ज्यादा हो रही है। यह वजह है कि नशा बज्जू, पूगल, छतरगढ़, खाजूवाला व दंतौर क्षेत्र में भी तेजी से फैल रहा है। जबकि डोडा-पोस्त, अफीम, हेरोइन, मेडिकेटेड नशे आदि को लेकर यहां पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। हालांकि समस्या की गंभीरता को समझते हुए करीब दो साल वर्ष एसपी ने बीकानेर में डीएसटी का गठन किया था। परिवारों में जितनी सख्त नजर लड़कियों के आचरण पर रखी जाती है, उतनी ही लड़कों पर जरूरी है।

निरंतर कार्रवाई जारी
जिला पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस निरंतर कार्रवाई कर रहीं हैं। पिछले कुछ महीनों में डोडा-पोस्त बरामदगी सहित दर्जनभर तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। आगे भी अवैध नशे खिलाफ कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। इसमें आमजन का सहयोग जरूरी है। इसके लिए पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है।
विनोद कुमार, सीओ, खाजूवाला

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