सौ रुपए और दो सौ रुपए के नए नोटों की गड्डी लेने के चक्कर में एक युवक के साथ एक लाख सत्तर हजार रुपए की ठगी हो गई। उसे जो गड्डी दी गई, उसमें ऊपर तो असली नोट था लेकिन नीचे सभी नोट मनोरंजन बैंक के थे। नयाशहर पुलिस ने रिपोर्ट मिलने के बाद मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
श्रीकोलायत के हदां में रहने वाले दुर्गेश नाई को व्यक्ति कार्यक्रमों के लिए नए नोट की जरूरत थी। उसने सौ और दो सौ रुपए की गड्डी के लिए अपने परिचित भवानी सिंह से आग्रह किया। भवानी सिंह ने उसे नोट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। रविवार की शाम उसे पूगल फांटे के पास बुलाया। यहां उसे सौ रुपए और दो सौ रुपए की गड्डियां देकर एक लाख सत्तर हजार रुपए ले लिया। दुर्गेश ने पांच-पांच सौ रुपए के नोट देकर गड्डियां ली और उसे चैक करने लगा। इस पर भवानी सिंह ने ये कहते हुए गड्डियां देखने से रोक दिया कि आचार संहिता के चलते चैकिंग चल रही है, कोई सीज कर देगा। इस पर दुर्गेश ने भी रुपए गिने नहीं और गड्डियां लेकर घर चला गया। गांव में जब उसने ये नोट संभाले तो होश उड़ गए। गड्डी के ऊपर असली नोट था लेकिन नीचे सभी नोट मनोरंजन बैंक के थे। जो पूरी तरह फर्जी थे। दुर्गेश का आरोप है कि इस तरह भवानी ने उसके साथ ठगी की है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
हुबहूं होते हैं बच्चों के नोट
मनोरंजन बैंक के रूप में बच्चों के खेलने के लिए नकली नोट का प्रकाशन होता है। ये नोट बच्चों के लिए प्रकाशित किए जाते हैं। कई बार ऐसे नोट के दुरुपयोग करने के मामले सामने आ चुके हैं। इन नोट और असली नोट में बहुत कम अंतर देखने को मिलता है।
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