Mobile Logo Settings

Mobile Logo Settings

चिकनगुनिया का कहर, गंगाशहर के कई मोहल्ले गिरफ्त में, अब चला मिशन अगेंस्ट डेंगू-चिकनगुनिया

India-1stNews




चिकनगुनिया का कहर, गंगाशहर के कई मोहल्ले गिरफ्त में,  अब चला मिशन अगेंस्ट डेंगू-चिकनगुनिया

बीकानेर, 28 नवम्बर। मौसम में बदलाव के साथ ही चिकनगुनिया कहर बरपाने लगा है। गंगाशहर का आधे से ज्यादा इलाका इसकी गिरफ्त में है। हर घर में लोग बीमार हैं। पीबीएम हॉस्पिटल में रोज करीब सौ रोगी पहुंच रहे हैं। जबकि सरकारी आंकड़ों में पॉजिटिव केस मात्र 31 ही हैं। शहर में डेंगू के केस कम हुए हैं, लेकिन चिकनगुनिया के तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका कारण भी एडीज मच्छर ही है, जो साफ पानी में होता है।इसका सबसे ज्यादा असर गंगाशहर और भीनासर  क्षेत्रों में हुआ है।

मिशन अगेंस्ट डेंगू-चिकनगुनिया के तहत डिप्टी सीएमएचओ डॉ. लोकेश गुप्ता के नेतृत्व में स्वास्थ्य दल द्वारा गंगाशाहर क्षेत्र में एंटी लार्वा गतिविधियाँ करते हुए बड़ी तादाद में पनप रहे मच्छरों के लार्वा नष्ट कर जन जागरण किया गया। मौके पर उपस्थित आम जन से अपने घर व आस-पास मच्छरों की रोकथाम की अपील की।


 स्वास्थ्य विभाग के दल में शामिल सहायक मलेरिया अधिकारी अशोक व्यास, नर्सिंग अधिकारी अजय भाटी, डिस्पेंसरी के स्टॉफ तथा नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा सघन एंटी लार्वा गतिविधियाँ करते हुए मच्छरों की फेक्ट्रीयों को बंद करवाया गया। पशुओं की पानी की कुण्डियों में खाद्य तेल डाला गया और हर सप्ताह इसे दोहराने का संकल्प दिलाया गया। दिन की शुरुआत गोपेश्वर बस्ती व गंगाशहर क्षेत्र में सघन फोगिंग के द्वारा हुई जबकि दिन में एंटी लारवा गतिविधियों पर जोर रहा।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पवार ने आम जन को हिदायत दी है कि वे किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा मच्छर मारने का इंतजार करने की बजाय इस आसान से कार्य को नियमित रूप से स्वयं करें। डॉ अबरार ने पूरे विभाग को मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

 प्रत्येक डेंगू- चिकनगुनिया केस के इर्द-गिर्द 50 घरों में सघन एंटी लारवा गतिविधियां कर मच्छरों के प्रसार को रोकने के निर्देश दिए। वर्तमान वर्ष में डेंगू के 315, मलेरिया के 147 व चिकनगुनिया के 30 केस दर्ज हुए हैं।

हर घर में जरूरी एंटी लार्वल एक्टिविटी

डॉ लोकेश गुप्ता ने आमजन को बताया कि मच्छरों की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका होता है एंटीलार्वल एक्टिीविटी, जिसके तहत् मच्छरों को पनपने से ही रोक दिया जाता है।

 इस क्रम में गंदे पानी के इकट्ठा होने पर एमएलओ/काला तेल/पाइरेथ्रम छिड़काव, साफ पानी के तालाबों पर बीटीआई, पेयजल में टेमीफोस, खाद्य तेल, घरों में पाइरेथ्रम स्प्रे तथा जल स्त्रोंतो में मच्छर का लार्वा खाने वाली गम्बूशिया मछली डलवाने का कार्य जोरों पर है। आम जन को इस मुहीम से जुड़ते हुए एंटी लार्वा गतिविधियों को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा। 

पक्षियों के लिए रखे जाने वाले परिंडों को सप्ताह में एक बार खाली कर उन्हें बर्तन साफ करने वाले झामे से रगड़ कर, साफ कर व सुखाकर मच्छर के अण्डे एवं लार्वा नष्ट कर पुनः भरा जाये। कूलर, फ्रीज के पीछे की ट्रे, गमले, फूलदान इत्यादि हेतु भी यही प्रक्रिया अपनानी जानी चाहिए।

 इसके साथ ही छत पर रखे टूटे-फूटे सामान, कबाड़-टायर इत्यादि को हटाकर पानी इक्कठा होने से रोका जाये। पानी की टंकी एवं अन्य बर्तनों को ढंक कर रखा जाये जिससे मच्छर उनमें प्रवेश कर प्रजनन न कर सकें।

Post a Comment

0 Comments