एमजीएसयू इतिहास विभाग के विद्यार्थियों ने झझू की छतरियों व देवलियों का किया शैक्षणिक भ्रमण
कुलपति आचार्य दीक्षित की हेरिटेज वॉक की परिकल्पना को किया साकार
बीकानेर। एमजीएसयू के इतिहास विभाग द्वारा बुधवार को युवाओं को विरासत से जोड़ने हेतु झझू की छतरियों व देवलियों के साथ कपिल मुनि आश्रम कोलायत का भ्रमण करवाया गया।
शैक्षणिक भ्रमण प्रभारी इतिहास विभाग की डॉ॰ मेघना शर्मा ने बताया कि भ्रमण के दौरान झझू की छतरियां में अवस्थित मुड़िया लिपि के शिलालेखों में व्याप्त क्षेत्रीय इतिहास से विद्यार्थियों को रूबरू करवाया गया। कुलपति आचार्य दीक्षित की स्थानीय पर्यटन को बल देने के उद्देश्य से हेरिटेज वॉक की परिकल्पना को साकार करते इस प्रयास में विद्यार्थियों ने जाना कि झझू गांव में स्थापित दो शिलालेख विक्रम संवत लगभग 1270 और 1342 के समय को परिलक्षित करते हैं जो झझू की बीकानेर से भी पूर्व अपनी स्थापना को प्रमाणित करते हैं।
पुरातत्वशास्त्र से जुड़े डॉ. रीतेश व्यास ने अपनी वार्ता में बताया कि शिलालेखों में पालीवाल ब्राह्मणों के लिये कुलधर शब्द का उल्लेख हुआ है इससे जैसलमेर के कुलधरा ग्राम का संबंध झझू से होना स्पष्ट होता है।
इससे पूर्व शैक्षणिक भ्रमण दल को इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी द्वारा हरी झंडी दिखाकर परिसर से रवाना किया गया।
स्थानीय छतरियों देवलियों पर विषय विशेषज्ञ डॉ. मुकेश हर्ष ने अपनी वार्ता में बताया कि झझू की छतरियां अधिकतर युग्म में है क्षत्रियों में भगवान विष्णु के अवतारों को अंकन किया गया है और दीवारों स्तंभों पर लेख लिखे गए हैं।
टूर निदेशक व विश्वविधालय मीडिया प्रभारी डॉ॰ मेघना शर्मा के नेतृत्व में विकसित भारत 2047 अभियान में भागीदारी के आह्वान के अलावा झझु के राजकीय विद्यालय के शिक्षक किसनाराम जी ने स्थानीय इतिहास के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी।
विद्यार्थियों द्वारा कोलायत स्थित सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि की तपस्या व समाधि स्थल के भी दर्शन किए गए। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया उपाध्याय द्वारा भ्रमण दल का स्वागत किया गया।
हेरिटेज वॉक व भ्रमण कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यार्थी भवानी सिंह, राधिका पारीक, कुलदीप सोनी, ऐश्वर्या, डिंपल, दिव्यांशु, लक्ष्मी आदि का सहयोग रहा। विभाग से अतिथि शिक्षक जसप्रीत सिंह व पवन राकांवत भी उपस्थित रहे।
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