राजस्थानी भाषा की मान्यता एवं जागरूकता के लिए 21 दिवसीय नंगे पांव यात्रा की जोश के साथ हुई रवानगी
बीकानेर। राजस्थानी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने, राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने एवं आमजन को भाषा के महत्व एवं लाभ बताने के लिए राजस्थानी मोट्यार परिसद के कर्णधारों सुदेश राजस्थानी, मदन दासोड़ी, राजूनाथ राजस्थानी की नंगे पांव यात्रा की विधिवत शुरुआत आज नत्थूसर गेट के गोकुल सर्किल से हुई जिसे बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानन्द जी व्यास, वरिष्ठ साहित्यकार कमल जी रंगा, वरिष्ट डॉक्टर कुलदीप जी बिट्ठु,वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य जी आशावादी,प्रशांत जी बिस्सा ओर राजस्थानी मोट्यार परिसद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.गौरी शंकर प्रजापत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यात्रा के सहयोगी हिमांशु टाक ने बताया कि यह यात्रा अनवरत इक्कीस दिनों तक बीकानेर संभाग के इक्यावन गांवों तक जाएगी और राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए एक लाख हस्ताक्षर करवाएगी जिससे आमजन में राजस्थानी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ सके।
डॉ हरिराम बिश्नोई, डॉ नमामीशंकर आचार्य,विनोद जी सारस्वत, रामावतार शर्मा,राजेश चौधरी, सरजीत सिंह,मुकेश रामावत,प्रशांत जैन, सहित अनेक पदाधिकारियो ने नंगे पांव पैदल चलने वालों कर्णधारों का सम्मान करते हुए बताया कि इस यात्रा के माध्यम से भाषा के महत्व को तथा इससे होने वाले लाभों को बताया जा सकेगा जिससे राजस्थान के बेरोजगारों को किस प्रकार रोजगार मिलेगा तथा किस प्रकार अपनी संस्कृति का विकास होगा।अधिवक्ता राजेश बिश्नोई ओर कमल किशोर मारू ने यात्रा की सराहना की।
यात्रा की रवानगी से पूर्व मोट्यार परिसद के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मायड़ भाषा के हेताळुओ में इस यात्रा को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साह रहा।
इस यात्रा में गजेंद्रदान चारण, बलवीर सिंह,मनोज देपावत,विकास कुकणा,रामकार रोणजोगो,राधे धायल,सुमन जी शेखावत,नीरज,महैन्द्र वर्मा,कैलाश मेघवाल,राधेश्याम कोलासर,योगेश राजस्थानी,शुभकरण उपाध्यक्ष, तरुण झा,मनीष चौधरी, दिलीप कुमार,सुरेश सोनी आदि मायड़ प्रेमी शामिल रहे।
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