बीकानेर: पुलिस पर वकील के साथ मारपीट का आरोप, वकीलों ने कार्रवाई की मांग की
बीकानेर। पुलिसकर्मियों पर एक अधिवक्ता के साथ मारपीट कर हवालात में कर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं एक प्रतिनिधि मंडल ने एसपी को ज्ञापन दिया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की। घटना की जानकारी मिलने पर अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुवे। बार काउंसिल सदस्य कुलदीप शर्मा, अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़, भंवर विश्नोई, सहसचिव हिमांशु गौतम, रवेल भारतीय, प्रशांत कछावा, अनिल सोनी सहित अन्य अधिवक्ताओं ने तत्काल पुलिस अधीक्षक बीकानेर से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई कि दोषी पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच की जाए। पुलिस अधीक्षक ने जांच गंगाशहर सीओ मुकेश सोनी को सौपी दी है।
इस ज्ञापन में वैध मघाराम कॉलोनी निवासी मोहम्मद सबीर उर्फ समीर ने बताया कि मैं अधिवक्ता है और बीकानेर न्यायालय में वकालत करता हूं। 14 जनवरी को मैं अपने मिलने वाले मोहन सिंह, रामचन्द्र , गुरमीत सिंह व बच्चों के साथ उनकी फॉरच्यूनर कार में रात को लगभग साढ़े दस बजे ऊंट उत्सव देखकर रायसर से बीकानेर आ रहा था। सांगवा होटल के पास पुलिस की गाडिय़ों ने उनकी कार को रुकवाया। पीछे पुलिस अधीक्षक बीकानेर का वाहन भी आ रहा था। पुलिस गाडिय़ों में चार-पांच पुलिस कर्मी अपने वाहनों से उतरकर कार के पास आये एवं आते ही कहा कि यह कार रामचंद्र खिलेरी की है, इसमें रामचन्द्र खिलेरी कहां है। इस पर हमने कहा कि रामचन्द्र खिलेरी को हम नहीं जानते, ना ही रामचन्द्र खिलेरी नाम का व्यक्ति हमारे साथ है। मैं अधिवक्ता हूं एवं ऊंट उत्सव देखकर वापस बीकानेर जा रहा हूं।
आरोप है कि इतने में पुलिसकर्मियों ने हमारे साथ थाप-मुक्कों व बेल्ट से मारपीट करनी शुरू कर दी एवं फोन करके नापासर पुलिस को बुलवा लिया। आरोप है कि नापासर पुलिस ने उसके बाल पकड़कर सिर को जोर से दीवार से भिड़ाया, जिससे मेरे सिर में चोट आई। अधिवक्ता का आरोप है कि मेरे बाल खींच लिये, मेरे सिर में स्टील प्लेट से जोर से मारी। मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या करीब सात-आठ थी। आरोप है कि थानाधिकारी ने पुलिसकर्मियों को मारपीट करने के लिए प्रेरित किया। सभी पुलिसकर्मियों ने लातों, मुक्कों व बल्टों से खूब मारा तथा हवालात में बंद कर दिया। आरोप है कि हमारे खिलाफ धारा 107, 151 की झूठी कार्रवाई की, कार जब्त कर ली, मोबाईल जब्त कर लिया, घर वालों से बात नहीं करने दी। आरोप है कि रातभर मुझे सोने नहीं दिया, दूससे दिन शाम लगभग चार बजे एडीएम सिटी बीकानेर में पेश किया, जहां जमानत हुई।
आरोप है कि इस प्रकार पुलिस अधीक्षक स्वयं की मौजूदगी में पुलिसकर्मियों ने पहले सड़क पर मारा फिर नापासर थाना की पुलिस बुलाकर वहां पर बंद करवाया। जहां नापासर पुलिस कर्मचारियों ने बर्बरतापूर्वक मारपीट की। अधिवक्ता मोहम्मद सबीर उर्फ समीर ने बताया कि उसके शरीर पर व सिर पर पुलिस की बर्बता के निशान मौजूद है, सिर अभी भी दर्द कर रहा है, ललाट पर सूजन आई हुई है, ऐसे में उसका व उसके साथ वाले लोगों का चिकित्सकीय परीक्षण करवाना जाना आवश्यक है।अधिवक्ता ने बताया कि मारपीट व बर्बरता करने वाले पुलिकर्मियों को देखकर वह पहचान सकता है। खबर लिखे जाने तक प्रकरण में एफआईआर दर्ज नही की गई।
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