राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सर्किट बेंच बीकानेर का आदेश
नो क्लेम बोनस के आधार पर बीमा कंपनी दावा अस्वीकृत नहीं कर सकती
बीकानेर। उपभोकता द्वारा नो क्लेम बोनस का लाभ लेने के बावजूद बीमा कंपनी दावा अस्वीकृत नहीं कर सकती । उपभोक्ता आयोग बीकानेर की सर्किट बेंच द्वारा आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी की ओर से आयोग के समक्ष प्रस्तुत अपील को आयोग की सर्किट बेंच के पीठासीन सदस्य अतुल कुमार चटर्जी व सदस्य लियाकत अली ने आंशिक स्वीकार करते हुए जिला मंच हनुमानगढ़ द्वारा पारित आदेश को यथावत रखते हुए बीमा कंपनी को क्लेम राशि अदा करने का आदेश पारित किया ।
प्रकरण के अनुसार परिवादी विनय गोयल द्वारा उनकी कार का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से करवाया था। उक्त कार गंगानगर हनुमानगढ़ रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसका क्लेम बीमा कंपनी के यहाँ प्रस्तुत किया परंतु बीमा कंपनी ने क्लेम को अस्वीकार कर दिया जिस पर परिवादी ने जिला आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया जिसे जिला आयोग द्वारा स्वीकार कर दिया गया । बीमा कंपनी द्वारा निर्णय से असंतुष्ट होकर आयोग के समक्ष अपील प्रस्तुत की । बीमा कंपनी द्वारा बताया गया कि परिवादी द्वारा तथ्यों को छुपा कर मिथ्या घोषणा कर पॉलिसी जारी करवाई गई है । गलत तौर से एन सी बी का लाभ प्राप्त किया जबकि उसके द्वारा पूर्व बीमा पॉलिसी में दो बार क्लेम प्राप्त किया हुआ था। परिवादी का क्लेम सही तौर पर निरस्त किया गया है । अतः जिला आयोग का आदेश को निरस्त करने का निवेदन किया ।अयोग द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनकर यह निर्णय दिया कि परिवादी ने एन सी बी राशि की जो छुट उसे प्राप्त हुई थी बाद में विपक्षी बीमा कंपनी की मांग पर जमा करवाई जा चुकी है। किंतु गणना की दिनांक को परिवादी ने एनसीबी का लाभ प्राप्त कर रखा था जो एक प्रकार से तथ्यों को छुपा कर प्राप्त किया जाने योग्य है, किंतु इसके साथ ही विचाराधीन मामले में यह भी स्थिति है कि क्योंकि विपक्ष ने परिवादी की कार का बीमा करते समय एन सी बी के संबंध में जी आर 27 के अनुरूप पुर्व की बीमा कंपनी से जानकारी हासिल नहीं की एवं यह जानकारी परिवादी द्वारा क्लैम प्रस्तुत करने के बाद प्राप्त की गई है ।
इन परिस्थितियों में राज्य आयोग ने राष्ट्रीय आयोग के दृष्टांत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम हरप्रीत सिंह में पारित मत के अनुसार परिवादी एन सी बी क्लेम के प्रतिशत के अनुरूप अनुपातिक दृष्टि से सर्वेयर द्वारा किए गए आकलन की राशि में से राशि कम किए जाने योग्य निर्धारित किया है । इसको ध्यान में रखते हुए परिवादी को 20% राशि एन सी बी कम करते हूए क्लेम दिया है । अतः आकलित राशि में से 20% राशि कम किये जाने योग्य पाई जाती है ।
आयोग ने बीमा कंपनी की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया कि अपिलाथीं विपक्षी बीमा कंपनी सर्वयर द्वारा आकलित राशि में से 20% राशि कम करते हुए शेष राशि का भुगतान परिवादी को करें।
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