ऊंट उत्सव में हंगामा; सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने किया बॉयकॉट, मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिताएं विवादों के घेरे में, प्रतिभागियों ने दिया मंच पर धरना, देखे वीडियो
बीकानेर। अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दूसरे दिन हुई मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिताएं विवादों के घेरे में रही। मिस मरवण में उपविजेता रहने वाली पारुल के चयन को लेकर अन्य प्रतिभागियों ने डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में धरना लगा दिया। मिस मरवण प्रतिभागियों के धरने पर बैठी होने के बावजूद पर्यटन िवभाग के अधिकारी अपने-अपने घर चले गए। इसके साथ ही बीकानेर के ब्लॉगर इंफ्लूजर युवकों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया उनके पास एंट्री पास होने के बावजूद भी पुलिस ने धका देकर मीडिया लॉबी से बाहर कर दिया अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म के इंफ्लूजरस ने कैमेल्फेस्टिवल का बहिष्कार कर दिया।
साढ़े नौ बजे शुरू किए गए धरने पर मिस मरवण की प्रतिभागी लड़कियां अकेले धरने पर डटी रहीं। लड़कियों के प्रदर्शन को देखते हुए जिला कलेक्टर ने पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़ को फोन कर करणीसिंह स्टेडियम पहुंचने के आदेश दिए। रात 11:30 बजे राठौड़ दुबारा करणीसिंह स्टेडियम पहुंचे और मिस मरवण की प्रतिभागी लड़कियों की बात सुनीं।
लड़कियों का आरोप था कि कोई भी प्रतिभागी अपने साथ फ्लैग नहीं ला सकता था लेकिन पारूल के हाथ में प्रदर्शन के समय फ्लैग था। इसके बावजूद उसके उपविजेता घोषित किया गया। तत्काल पारूल को डिसक्वालीफाई किया जाए। इन लड़कियों का आरोप था कि यह पहले से ही तय था कि पारूल का चयन करना है। यह बात पहले ही जजों को बता दी गई थी। वहीं मिस्टर बीकाणा के प्रतिभागियों ने समय घटाने और बढ़ाने का आरोप लगाया। इसके अलावा टोकन 50 की प्रतिभागी तो पहले विजेता घोषित किया गया। घोषणा भी कर दी गई लेकिन बाद में बदल दिया गया।पर्यटन विभाग ने कहा कि सिर्फ एक निर्णायक ही स्थानीय था, शेष सभी विदेशी सैलानी थे। कोई निर्णायक किसी प्रतिभागी को जानता नहीं था। वहीं प्रतिभागियों को भी टैग नंबर दिए गए थे। प्रतियोगिता के समय किसी का नाम नहीं पुकारा गया था।
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