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नई आबकारी नीति जारी, शराब की दुकान खुलने का समय और नई दुकानों के लिए नए सिरे से आवेदन..

India-1stNews




भजनलाल सरकार ने प्रदेश की नई आबकारी नीति जारी कर दी है। नई आबकारी नीति में पुराने प्रावधानों को ही बरकरार रखा है। शराब की मौजूदा दुकानों को ही 31 मार्च 2025 तक के लिए रिन्यू किया जाएगा। नए सिरे से आवेदन लेकर लॉटरी नहीं होगी। दुकानों की संख्या भी पहले जितनी ही रहेगी। सालाना गारंटी राशि में 10 फीसदी बढ़ोतरी की गई है।


शराब की दुकानों के खुलने का समय सुबह 10 से शाम 8 बजे तक ही रहेगा। दुकानों के खुलने का समय नहीं बढ़ाया है। प्रदेश में अभी शराब की 7665 कंपोजिस्ट दुकानें हैं, जिन पर अंग्रेजी और देसी शराब एक साथ बेची जा रही है। लाइसेंसधारी जिन दुकानों को आगे के लिए रिन्यू नहीं कराएंगे, उनके लिए लॉटरी निकाली जाएगी।

हर दुकान के लिए दो गोदाम की मंजूरी

नई आबकारी नीति में आबकारी शुल्क, लाइसेंस फीस में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है। हर महीने शराब बेचने के टारगेट में भी छूट दी गई है। दुकानों के लिए हर महीने गारंटी के मासिक उठाव और किसी महीने में ज्यादा उठाव पर अगले महीनों से उसे एडजस्ट करने का प्रावधान होगा। लाइसेंसधारी अपनी गारंटी पूर्ति करने के लिए दूसरे लाइसेंसधारी को ट्रांसफर करने की अनुमति मिलेगी। शराब की हर दुकान के लिए दो गोदाम की मंजूरी दी जाएगी।

जैसलमेर और कुंभलगढ़ क्षेत्र में होटल बार लाइसेंस फीस में कमी

पर्यटन के लिए अहम क्षेत्रों में होटल-बार लाइसेंस फीस में कमी की गई है। जैसलमेर और कुंभलगढ़ क्षेत्र में होटल बार लाइसेंस फीस में कमी होगी।

शराब फैक्ट्रीज को लाइसेंस रिन्यूअल में राहत

शराब बनाने वाली फैक्ट्रीज को लाइसेंस रिन्यू नहीं करा पाने पर अगले साल उस वर्ष की पूरी फीस के स्थान पर 25 प्रतिशत फीस के साथ लाइसेंस नवीनीकरण कराने का प्रावधान किया है। माइक्रो वाइनरी की अनुमति मिलेगी।

जिला स्तर पर जारी होंगे लाइसेंस
सभी प्रकार के लाइसेंस जिला स्तर के अफसर जारी करेंगे। ऑनलाइन मंजूरी देने की व्यवस्था होगी। रिटेलर ऑनलाइन डिमांड पेश कर सकेंगे और फैक्ट्री से सीधे सप्लाई की व्यवस्था होगी।

अवैध शराब की रोकथाम के लिए ये प्रावधान

पड़ोसी राज्यों से अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए पुलिस के साथ संयुक्त जांच दल बनाए जाएंगे। मुखबिर प्रोत्साहन योजना को जारी रखा गया है। सीमावर्ती जिलों में संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में आबकारी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मॉनिटरिंग कमेटी का गठन होगा।

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