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पासपोर्ट जारी करवाना नागरिक का संवैधानिक अधिकार, आपराधिक प्रकरण के लंबित होते हुए न्यायालय ने जारी किया पासपोर्ट का आदेश

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पासपोर्ट जारी करवाना नागरिक का संवैधानिक अधिकार, आपराधिक प्रकरण के लंबित होते हुए न्यायालय ने जारी किया पासपोर्ट का आदेश


बीकानेर। न्यायालय अपर जिला सत्र न्यायाधीश संख्या 6 के पीठासीन अधिकारी पवन कुमार काला ने  जानलेवा हमले व आयुध अधिनियम के विचाराधीन आपराधिक प्रकरण  में प्रार्थी/अभियुक्त  के नाम से पासपोर्ट जारी करने का महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए टिप्पणी की हे की पासपोर्ट जारी करवाना नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25 अगस्त 1993 के अनुसार किसी ऐसे व्यक्ति जिसके विरुद्ध भारत के किसी न्यायालय में आपराधिक प्रकरण लंबित हो उसे उक्त अधिसूचना में उल्लेखित शर्तो के अधीन पासपोर्ट जारी करने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। जिस पर न्यायालय ने  तिलक नगर निवासी मेघराज सोनी का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर  6 माह की अवधि के लिए पासपोर्ट जारी करने की अनुमति प्रदान करते हुए कहा कि पासपोर्ट प्राप्त होने की एक माह के भीतर प्रार्थी पासपोर्ट की प्रति न्यायालय में पेश करेगा और न्यायालय की अनुमति के बिना विदेश नहीं जाएगा और प्रकरण में अनावश्यक रूप से से विलंब नहीं करेगा। प्रार्थी मेघराज सोनी ने न्यायालय में याचिका दायर कर कहा की वह भारत का नागरिक है और संवैधानिक अधिकारों के साथ अपना जीवन यापन करना चाहता है। उसे अपने व्यापार व सामाजिक कार्यों के लिए देश-विदेश की यात्राएं करनी पड़ती है, लेकिन पिछले 8 वर्षों से आपराधिक विचारण  झेलने के कारण विदेश यात्रा करने में असमर्थ है। पासपोर्ट बनवाते समय आपराधिक प्रकरणों की सूचना दिया जाना आवश्यक है और प्रार्थी ने अपना पासपोर्ट का आवेदन भारत सरकार में पेश कर चुका है लेकिन अभियोजन के लंबित रहने के कारण उसका पासपोर्ट नहीं बन पा रहा है। जिस पर न्यायालय ने बहस सुनने के पश्चात भारत सरकार को आदेश जारी कर प्रार्थी के नाम से पासपोर्ट जारी करने की अनुमति प्रदान की।प्रकरण में प्रार्थी की ओर से पैरवी एडवोकेट अनिल सोनी ने की।

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