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बीकानेर: 400 से अधिक डॉक्टर्स ने सीखी बोनमेरा ट्रांसप्लांट सहित रक्त रोगों से जुड़े उपचार एवं जांचों की नवीन तकनीक

India-1stNews




हिमेटोलॉजी सिंपोजियम नेशनल सेमिनार का हुआ समापन
 
400 से अधिक डॉक्टर्स ने सीखी बोनमेरा ट्रांसप्लांट सहित रक्त रोगों से जुड़े उपचार एवं जांचों की नवीन तकनीक
  
बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध आचार्य तुलसी कैंसर एवं अनुसंधान केंद्र की ओर से शनिवार एवं रविवार को दो दिवसीय  राष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार का सफल आयोजन संपन्न हुआ। इस सेमिनार में  बाहर से 26 वक्ताओं तथा एसपी मेडिकल कॉलेज से लगभग 15 वरिष्ठ डॉक्टर्स ने रक्त रोगों से संबंधित उपचार एवं जांचों को लेकर नवीन रिसर्च को लेकर प्रशिक्षणार्थियों जागरूक एवं प्रशिक्षित किया जिसका लाभ देश भर से आए 400 से अधिक प्रतिभागी डॉक्टर्स ने लिया.

आयोजन सचिव डॉक्टर पंकज टांटिया ने बताया कि दूसरे दिवस कार्यक्रम का उद्गाटन सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉक्टर गुंजन सोनी, डॉ. आरपी अग्रवाल, डॉ. एच.एस. कुमार,  डॉ. संदीप शाह, डॉ. सुरेन्द्र बेनिवाल तथा डॉ. नीति शर्मा ने किया। उद्गाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. सोनी ने आयोजन समिति को सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से देश भर के डॉक्टर्स को नवीन जानकारीयां प्राप्त होती है जिन्हें सीख कर फिल्ड में वें मरीजों को लाभान्वित करते है। डॉ. संदीप भास्कर ने आयोजन समिति की ओर से सेमिनार के दौरान प्रबंधन में विशेष सहयोग रहा।

बाहर से आए इन मुख्य वक्ताओं ने सेमिनार में दिया व्याख्यान

डॉ. संदीप शाह, डॉ. अभिषेक पुरोहित, डॉ. अंकित नेहरा, डॉ़. मोनिका भूकर, डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत, डॉ. विष्णु शर्मा, डॉ. राहूल भार्गव, डॉ. उपेन्द्र शर्मा, डॉ. प्रियंका सोनी, डॉ. अभिषेक शर्मा, डॉ. पायल मल्होत्रा, डॉ. अंकुर पूनिया, डॉ. अनुश्री पूनिया, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. परिमल शारदा, डॉ. अभिषेक पुरोहित, डॉ. अंकिता जायसवाल, डॉ. मल्लिका, डॉ. पंकज मालूकानी तथा डॉ. निखिल ने हिमेटोलॉजी सिंपोजियम सेमिनार के दौरान अपना व्याख्यान दिया।

एसपी मेडिकल कॉलेज से इन्होने दिया व्याख्यान

सेमिनार के दौरान आयोजन सचिव डॉ. पंकज टांटिया, डॉ. सुरेन्द्र बेनिवाल, डॉ. सुशील फलोदीया, डॉ. एसपी व्यास, डॉ. स्वाति कोचर, डॉ. सुशील फलोदीया, डॉ. मोहम्मद यूनूस खिलजी, डॉ. श्वेता मोहता, डॉ. राजेश सिंवर, डॉ. सोनम, डॉ. सारिका स्वामी, ने हिमेटोलॉजी विषय पर अपना व्याख्यान दिया। 

इनको मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
कार्यशाला के प्रमुख प्रोग्राम के दौरान रेडियोथैरेपी विभाग पीबीएम अस्पातल के पूर्व विभागाध्यक्ष तथा आचार्य तुलसी कैंसर अस्पातल एवं रिसर्च सेंटर के पूर्व निदेशक  डॉ. आरके चौधरी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 

ये खास बातें आई निकल कर आई सामने

गुजरात कैंसर रिसर्च संस्थान अहमदाबाद के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. संदीप शाह ने कम से कम खर्च पर किस तरह से बोनमेरो ट्रांसप्लांट किया जा सकता है उसकी तकनीक के बारे में बताया। साथ ही आचार्य तुलसी अस्पताल में स्थापित बोनमेरों ट्रांसप्लांट सेंटर के शत प्रतिशत परिणाम की प्रशंसा की।

जोधपुर एम्स के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. अभिषेक पुरोहित ने रक्त में तीनों कणिकाओं में कमी के कारणों का उदाहरण देते हुए पैथोलॉजी चिकित्सक की नजरों से प्रकाश डाला
आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एंड हैड तथा आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. सुरेन्द्र बेनिवाल ने अपने व्याख्यान में प्लेटलेट की कमी के कारण होने वाले दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला।

भगवान महावीर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर जयपुर के ब्लड कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. उपेन्द्र शर्मा ने एनिमिया के बारे में चर्चा की, तथा लम्बे समय से जिन मरीजों का खून नहीं बनता उनका सफल उपचार कैसे किया जाए इसकी चर्चा की।

भगवान महावीर कैंसर अस्पताल जयपुर  के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश सिंह शेखावत ने बताया कि अब हमारे पास ब्लड कैंसर जांच मे नई तरिके कार्टी थैरेपी भारत में आ गई है, यह थैरेपी  टाटा मुंबई और आईआईटी मुबंई के संयुक्त रूप से विकसित तकनीक है जिसका उपयोग राजस्थान में शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। 
कार्टी थैरेपी बोनमेरो ट्रांसप्लांट की तरह उन्नत तकनीक है जो ब्लड कैंसर के जटिल केस रिकरन्सी केस वाले मरीजों के लिए उपयोगी साबित होगी। 

आयोजन समिति के सचिव डॉ.  पंकज टांटिया ने बताया कि* मानव शरीर में हिमोग्लोबिन अपने मात्रा से अधिक बढ़ जाता है तो उसके किस प्रकार के दुष्प्रभाव सामने आते है ओर किस प्रकार उसका निवारण किया जा सकता है। *इसी के साथ डॉ़. टांटिया ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होने एक विशेष परिस्थिति वाले मरीज का सफल उपचार एवं बोनमेरा ट्रांसप्लांट किया जिसे दो कैंसर एक ब्लड एवं एक ब्रेस्ट कैंसर की एक साथ बीमारी थी। आज वो मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

एसएसबी के गेस्ट्रोएण्ट्रोलॉजी विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ सुशील फलोदीया ने अपने व्याख्यान में बताया कि लीवर की बीमारी से भी खून में खराबी हो सकती है उसके बचाव एवं उपचार की जानकारी प्रदान की।

पीबीएम अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ स्वाति कोचर ने आयोजन समिति के सचिव डॉ. पंकज टांटिया को गायनी विभाग से जुड़ा पहली बार हिमेटोलॉजी सेशन आयोजन करावाने पर बधाई देते हुए कहा कि इस सेशन में नई चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जानकारी दी गई इसके तहत पीपीएच जिससे गर्भवती महिलाओं की डिलवरी के पश्चात अत्यधिक रक्त स्त्राव होने वाली मरीजों के उपचार में मददगार रहेगी। इस सेशन में एंटिफॉस्पोलिपिड सिंड्रोम जिसके कारण महिलाओं में  बार बार गर्भपात होने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य में किस प्रकार सुधार लाया जा सकता है इसकी चर्चा की गई।

सेमिनार के दौरान आयोजन समिति की संयुक्त सचिव डॉ. आयुषी श्रीवास्तव एवं पैथोलॉजी विभाग की सह आचार्य डॉ. रितिका अग्रवाल ने सांइटिफिक सेशन का प्रबंधन किया। 

पेपर व पोस्टर प्रजेण्टेशन प्रतियोगिता में ये रहे विजेता
सेमिनार के दौरान प्रथम दिन आयोजित हूई पोस्टर प्रजेंण्टेशन प्रतियोगीता में प्रथम पुरस्कार डॉ. किर्ती सोनी, द्वितीय पुरस्कार डॉ. ईरविनजोतकोर चहल तथा तृतीय पुरस्कार डॉ. सुमित्रा सारण को मिला।

पेपर प्रजेण्टेशन प्रतियोगिता में ये रहे विजेता
पेपर प्रजेण्टेशन प्रतियोगिता के दौरान डॉ़. सौरभ पुरोहित प्रथम, डॉ. श्रुति जिंदल द्वितीय तथा डॉ. कुशल तंवर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इनका रहा मार्गदर्शन
राष्ट्रीय स्तरीय हिमेटोलॉजी कान्फ्रेंस में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. एनएल महावर, डॉ. परमेन्द्र सिरोहि, डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा, डॉ. आरएल सोलंकी, डॉ. धनपत कोचर, डॉ. आरपी गुप्ता, डॉ.वनिता कुमार, डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल, डॉ. एमआर बरडिया, डॉ. निधि बिन्नाणी, डॉ. ओपी श्रीवास्तव आदि वरिष्ठ प्रोफेसर्स  का मार्गदर्शन रहा.

उल्लेखनीय है कि सेमिनार के मीडिया कॉर्डिनेटर विनय थानवी को प्राचार्य डॉ. सोनी तथा आयोजन सचिव डॉ. पंकज टांटिया ने शॉल ओढ़ाकर पुष्पगुच्छ तथा प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में  आयोजन समिति के सचिव डॉ. पंकज टांटिया ने सभी आगन्तुकों को आभार प्रकट किया।

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