बीकानेर: जेल का जैमर फेल, चल रहे मोबाइल, फिर मिला मोबाइल सहित सिम
बीकानेर। केंद्रीय कारागार (सेंट्रल जेल) का मोबाइल जैमर तमाम कोशिशों के बावजूद बंदियों के नेटवर्क के आगे बौना साबित हो रहा है। बंदी जेल से मोबाइल फोन के जरिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्हें रोकने में तमाम सुरक्षा कोशिशें और तकनीक फेल साबित हो रही है। जेल की तलाशी के दौरान वार्ड 10 के बैरक संख्या 38 में एक विचाराधीन बंदी के पास दो मोबाइल और एक सिम बरामद हुआ।
इसके बाद जेल के प्रहरी ने आरोपी बंदी के खिलाफ बीछवाल थाने में मामला दर्ज करवाया है। जेल में मोबाइल और सिम बरामद होने की सूचना महानिदेशक एवं महानिरीक्षक कारागार जयपुर, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सीआईडी अपराध शाखा जयपुर, महानिरीक्षक पुलिस रेंज बीकानेर, उप महानिरीक्षक कारागार रेंज जोधपुर, पुलिस अधीक्षक बीकानेर तथा उपाधीक्षक एटीएस एसओजी जयपुर सहित अन्य उच्चाधिकारियों को दी गई। फिलहाल मामले की जांच बीछवाल थाने के हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार को सौंपी गई है।
पहले भी मोबाइल मिले, सप्लायर नहीं
जेल में मोबाइल और मोबाइल सिम मिलने की कई घटनाएं रिपोर्ट हो चुकी हैं। हैरानी की बात यह है कि मोबाइल जैमर के बावजूद जेल से अपराधी मोबाइल नेटवर्क चला रहे हैं। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि जेल में मोबाइल और सिम की सप्लाई करने वाले गैंग का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
हत्या के आरोपी से मिला मोबाइल
बीछवाल थाने में आरोपी बंदी के खिलाफ जेल के बंदी राहुल चंदेला ने रिपोर्ट दी कि 20 अप्रैल को सुबह 10.20 से 10.56 तक जेल की सघन जांच हुई। इस दौरान वार्ड 10 की बैरक संख्या 38 में विचाराधीन बंदी बनवारी पुत्र ठाकर राम, निवासी तालरिया बास रासीसर पुलिस थाना नोखा की कंबल के नीचे दो मोबाइल और एक मोबाइल सिम बरामद हुआ। आरोपी के खिलाफ नोखा थाने में जुलाई 2018 में धारा 302 के तहत मामला सुनील कुमार पुत्र हंसराज बिश्नोई ने दर्ज करवाया था। जमीनी विवाद के चलते परिवादी सुनील कुमार के पिता हंसराज बिश्नोई पर हमला कर दिया था। बाद में हंसराज बिश्नोई की मौत हो गई थी।
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