बीकानेर की खुशहाली बनी IAS, बिना कोचिंग व ट्यूशन के ऑनलाइन पढ़ाई करके देशभर में 61वां स्थान
बीकानेर की खुशहाली सोलंकी ने UPSC की सिविल सर्विस एग्जाम में देशभर में 61वां स्थान प्राप्त किया है। खास बात ये है कि खुशहाली ने न तो कोई कोचिंग ज्वाइन की थी और न पढ़ने के लिए जयपुर-दिल्ली गई थी। उसने भुट्टा चौराहे के पास राम रहीम गली में स्थित अपने घर में ही रहते हुए पढ़ाई की।
बातचीत में खुशहाली ने कहा कि उसने बारहवीं के बाद से ही अपना टारगेट तय कर लिया था। ऐसे में वो लगातार करंट अफेयर्स से जुड़ी रही। पिता राजेश सोलंकी और मां संगीता सोलंकी अलग-अलग विभागों में अधिशासी अभियंता (Ex.En.) है। दोनों सिविल इंजीनियर है, इसलिए खुशहाली ने भी सिविल सर्विस में ही इंजीनियरिंग की। बी.टेक. के थर्ड इयर में उसने सिविल सर्विस के लिए पढ़ाई शुरू कर दी थी।
खुशहाली का कहना है कि उसने पढ़ाई के लिए कोई एक ऑनलाइन कोचिंग ज्वाइन की। उसी कोचिंग के सहारे एक-डेढ़ साल पढ़ाई की। बाद में अपने स्तर पर दो साल तक पढ़ाई करती रही। इसी लगन ने उसे सफलता तक पहुंचा दिया।
नेट का उपयोग स्वयं पर निर्भर
एक सवाल के जवाब में खुशहाली ने कहा कि नेट का उपयोग स्वयं पर निर्भर है। ये देखना होगा कि इसे हम अपने विकास के लिए काम ले रहे हैं या फिर टाइम पास के लिए। मैंने तो इसे अपने इन्फॉर्मेशन बेस को बढ़ाने के लिए काम लिया था। जैसे टेलीग्राम पर एक कम्युनिटी बनी हुई है। वहां हर कोई बताता है कि उन्होंने कैसे तैयारी की है।
माता-पिता दोनों एक्सईएन
खुशहाली के पिता राजेश सोलंकी हेल्थ डिपार्टमेंट में एक्सईएन हैं, वहीं उनकी मां संगीता सोलंकी जिला परिषद में एक्सईएन है। दोनों के लिए मंगलवार का दिन यादगार बन गया। राजेश तो अपनी खुशी छिपा ही नहीं पा रहे थे। जो भी मित्र बधाई देना पहुंचा, उसी से गले मिलते रहे। वहीं मां संगीता बहुत ही सहजता से लोगों की बधाईयां स्वीकार करती रही। दोनों के लिए आज का दिन सबसे बड़ा रहा।
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