पारा पहुंचा 46 पारः अब तो सड़कां ही पिघळन लागी, इंडिया फर्स्ट न्यूज़ की अपील: कोटगेट और सांखला फाटक पर लगाएं टेंट
इंडिया फर्स्ट न्यूज़ की अपील: कोटगेट और सांखला फाटक पर लगाएं टेंट
बीकानेर। गुजरात का फाफड़ा, कोलकाता का हावड़ा और राजस्थान का तावड़ा। यह कहावत इस समय बीकानेर में अक्षरश: चरितार्थ हो रही है। दिन निकलते ही तेज धूप निकल जाती है, जो शाम तक निरंतर रहती है। स्थिति यह होती है कि सुबह नौ बजे बाद तो धूप इतनी तेज हो जाती है कि घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।
बुधवार को इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। पारा 46.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लू के थपेड़ों ने लोगों को झुलसा दिया। जैसे-तैसे बुधवार तो बीत गया मगर 26 मई के संभावित तापमान ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। पारा 49 डिग्री तक जाने की आशंका जताई गई है। बाड़मेर में पारा 48 डिग्री तक पहुंच गया। छह दिन पहले से लू चलनी शुरू हुई। 42 डिग्री से बढ़ते-बढ़ते पारा अब 46.6 डिग्री तक पहुंच गया। 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है और उस दिन 48 डिग्री तापमान रहने की आशंका है। चिंता 26 मई की है। जब 2016 का रिकार्ड 49.5 डिग्री के भी टूटने की आशंका है। कूलर फेल हो गए। एसी ट्रिप करने लगे। पंखे आग उगल रहे हैं। सुबह की रौनक भी अब खत्म हो गई क्योंकि सुबह नौ बजे ही माथे पर पसीना टपकने लगता है। शाम की ठंडक भी नदारद है। रात 11 बजे तक छतें तप रही हैं।
बिजली विभाग के फोन उठते ही नहीं : एक तरफ प्रशासन लोगों को राहत देने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रहा है। नगर निगम की दमकल की गाड़ियां सड़कों पर छिड़काव करने में जुटी हैं ताकि लोगों को गर्मी से राहत मिले। दूसरी ओर बिजली विभाग पर खास असर नहीं है। मंगलवार को नोखा रोड D8 पर ठीक 11 बजे लाइट कटी। लोगों ने शिकायत की तो 30 मिनट तक किसी ने फोन नहीं उठाया। जब फोन उठाया तो कहा कि 33kv लाइन में फॉल्ट है। जो 2 बजे तक आएगी तब ठीक होगी समस्या। यानी जब तापमान 46 डिग्री था तब तीन घंटे लोग बेहाल रहे। स्थानीय लोगों ने दो दिन से उन नंबरों पर कॉल कर रहे जो चार दिन पहले बिजली विभाग ने जारी किए पर दोनों नंबर ही नहीं उठ रहे।
सांखला फाटक पर धूप में परेशान होते लोग।
गर्मी का कर्फ्यू, पारा 46.60
तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। पारा 50 की ओर जाने के लिए तैयार है। ऐसे में बीकानेर का हार्ट कहे जाने वाले कोटगेट और सांखला फाटक बंद हो जाते हैं तो बाइक, रिक्शा, साइकिल सवार और अन्य राहगीरों को जब वहां रूकना पड़ता है तो कहीं छाया नहीं मिलती। धूप में ही ट्रेन के गुजरने का इंतजार करना पड़ता है। इंतजार करने वालों में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और बीमार सभी होते हैं। अगर रेलवे क्रासिंग के पहले टेंट लगा दिए जायं तो वहां फाटक खुलने का इंतजार कर रहे लोगों को काफी राहत मिल सकेगी। हम अपील करते है कि प्रशासन और भामाशाह इस दिशा में पहल करें। कोटगेट तथा सांखला फाटक से गुजरने वाले शहर वासियों और राहगीरों को राहत दिलाने में मदद करें।
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