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डीवाईएसपी संजय बौथरा स्थायी वारंटी घोषित, कोर्ट ने दरोगा का वेतन सीज करने के दिए आदेश

India-1stNews




डीवाईएसपी संजय बौथरा स्थायी वारंटी घोषित, कोर्ट ने दरोगा का वेतन सीज करने के दिए आदेश

बीकानेर के बहुचर्चित मोहम्मद हुसैन हत्याकांड के जांच अधिकारी रहे तत्कालीन सदर थाना प्रभारी संजय बौथरा को गवाही के लिये लगातार नोटिस जारी किये जाने के बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं हो रहे है। फिलहाल रिंगस सीओं संजय बौथरा की इस नाफरमानी को गंभीरता से लेते बीकानेर के अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या पांच ने उनके खिलाफ स्थायी वारंट के जरिये भगौड़ा घोषित कर उनका वेतन रोकने के साथ सीकर एसपी भुवन भूषण यादव से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या सात में चल रही थी, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर रहने से मामले की सुनवाई शुक्रवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या पांच में होनी थी। अंतिम गवाह के तौर पर संजय बौधरा के उपस्थित नहीं होने के कारण न्यायालय ने उनके खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर दिया। जानकारी में रहे कि करीब दस साल पहले सदर थाना इलाके में मोहम्मद हुसैन की धारदार हथियारों से वार कर हत्या कर दी गई थी। संगीन हालातों में हुए इस हत्याकांड की जांच तत्कालीन सदर एसएचओ संजय बोधरा ने मामले की जांच की थी। इस हत्याकांड को लेकर अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या सात में चल रही है. मामले में 27 गवाहों के बगान हो चुके हैं। हत्याकार्ड के जांच अधिकारी रहे संजय बोधरा अंतिम गवाह हैं जिनके बयान 28 मई 22 को शुरू हुए जो कोर्ट समय पूरा होने के कारण अधूरे रह गए। जिन्हें कोर्ट ने 24 नवंबर 22 को हाजिर होने के लिए पाबंद किया गया था। लेकिन, उसके बाद 19 माह बीत गए पर संजय बोथरा अपनी गवाही पूरी करने कोर्ट में पेश नहीं हुए। डीवाईएसपी संजय बौथरा फिलहाल रिंगस सीओ पोस्ट पर तैनात है, कोर्ट ने उनका गिरफ्तारी वारंट जारी किया, लेकिन वह 9 अप्रैल को भी तारीख पेशी पर नहीं आए। शुक्रवार 28 जून को उन्हें गवाही के लिये कोर्ट में पेश होना था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उनके सख्ती दिखाई है।

यह हुई थी वारदता

दरअसल, दो गुटो में आपसी रंजिश के कारण 8 मार्च 14 की रात को पुरानी गजनेर रोड़ पर धारदार हथियारों से हमला कर मोहम्मद हुसैन की हत्या कर दी थी। उसके भाई मो. रफीक ने अगले दिन 9 मार्च को सदर पुलिस थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने रसीद उर्फ लाला, पिल्लू, जब्बार उर्फ अब्दुल जब्बार, सुनील उर्फ बाबूलाल, रिंकू, सोनू उर्फ मो. इरफान, विक्री, बाबूलाल पुत्र रामलाल के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। मामले के सभी गवाहों के बयान कोर्ट में हो गए। अंतिम गवाह तत्कालीन सदर थाना एसएचओ संजय बोथरा के बयान अधूरे हुए हैं।

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