हाथरस में सत्संग के दौरान बड़ा हादसा, 116 लोगों की मौत, 18 घायल, हादसे के बाद से बाबा फरार!
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिंकदराबाद में भोले बाबा की सत्संग में भगदड़ मच गई। इस दौरान 116 लोगों की मौत हो गई है।जबकि 18 जने घायल अब तक अस्पताल पहुंचे हैं। भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने की वजह से यह हादसा हुआ है।
27 डेड बॉडी की पुष्टी (हाथरस सत्संग हादसा)
अभी तक 116 डेड बॉडी की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। अब तक 23 महिला, 3 बच्चे व 1 पुरुष की शिनाख्त हुई है।
हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए।
एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 116 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे।
मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के लोग हैं। इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।
ऐसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं।
कौन हैं भोले बाबा
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा के रहने वाले हैं। करीब 25 साल से वह सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके अनुयायी हैं। मंगलवार को 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। हादसे के बाद से बाबा फरार है।
आपको बता दें कि भोले बाबा अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।
हादसे के बाद से बाबा की नहीं है कोई जानकारी
प्राथमिक तौर पर हादसे में प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। भोले बाबा के सत्संग में क्षमता से ज्यादा भक्त इकट्ठा हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने की जल्दबाजी में भगदड़ मची जो देखते ही देखते चीख पुकार में बदल गई। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हादसे के बाद से बाबा की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
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