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प्राचीन भारत में थी शत प्रतिशत शिक्षा, आज संघर्षपूर्ण है पूर्ण साक्षरता : डॉ. दीक्षित

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प्राचीन भारत में थी शत प्रतिशत शिक्षा, आज संघर्षपूर्ण है पूर्ण साक्षरता : डॉ. दीक्षित

एडिटर एसोसिएशन के एज्यूकेशन काॅन्क्लेव का हुआ समापन

30 शिक्षकों एवं 50 शिक्षार्थियों का हुआ सम्मान


बीकानेर, 14 जुलाई। विषय के चुनाव के दौरान अपनी रुचि का ध्यान रखें। मन पर कभी किसी भी स्थिति में नकारात्मकता को हावी न होने दें, विषय चयन के दौरान अपने मन की सुनें। किसी भी प्रकार के दबाव में ना आए और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसा करने का प्रयास करें जिससे केवल माता-पिता ही नहीं अपितु राष्ट्र भी उन पर गौरवान्वित हो सके। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ मनोज दीक्षित ने यह विचार एडिटर एसोसिएशन ऑफ न्यूज पोर्टल्स बीकानेर व रोटरी क्लब बीकानेर राॅयल्स द्वारा आयोजित एज्युकेशन काॅन्क्लेव मे रखे।
कुलपति डाॅ दीक्षित ने काॅन्स्पेट इन्स्टीट्यूट द्वारा प्रायोजित एजूकेशन काॅन्क्लेव को एक नवाचार बताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन आगे भी जारी रहें तो आपसी संवाद से काफी स्थितियां बदल सकती है। डाॅ दीक्षित ने अपने उद्बोधन में शिक्षकों को समाज की धुरी बताते हुए कहा कि भारत के मूल मे शिक्षा सर्वोपरि थी । प्राचीन भारत शत प्रतिशत शिक्षित था और आज इसमें शत प्रतिशत साक्षरता भी नहीं है। इसीलिए शिक्षा नीति यह लक्ष्य हासिल कर सकती है। उन्होंने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पेपर लीक प्रकरण पर भी कहा कि यह सच है कि पेपर लीक प्रकरण जैसी स्थितियों के कारण युवा मन दबाव में है, परंतु इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए तथा अपने मस्तिष्क और मनोबल को बरकरार रखें। उन्होंने माना कि इस प्रकार के पेपर लीक प्रकरणों से बच्चे दबाव में आ रहे हैं, परंतु हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ एकजुट होना होगा तथा इसमें शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्ती है। उन्होंने बताया कि पेपर लीक होने के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश जैसी जगहों पर लगभग डेढ़ लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं। मजे की बात यह है कि पेपर लीक करने वाले भी स्वयं ही लीक कर देते हैं कि उन्होंने पेपर लीक किया है और वह पेपर पूरी तरह से खटाई में पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि इस पर जल्द से जल्द अंकुश लगे, इस विषय पर अपने विचार रखते हुए आमजन को इस दिशा में सावचेत होने का आह्वान किया।

उन्होंने प्राचीन शिक्षा पद्धति पर बात करते हुए कहा कि प्राचीन शिक्षा पद्धति स्वयं में अनूठा स्थान रखती थी, वर्तमान परिदृश्य में नई शिक्षा नीति एक बार हमें पुनः उन संस्कारों ,भारतीय ज्ञान परंपरा की और उन्मुख कर रही है।

शिक्षा नगरी बीकानेर का नाम आज पूरे देश में गर्व के साथ लिया जाने लगा है, बीकानेर जिले में निजी एवं सरकारी क्षेत्र में कार्य कर रही शिक्षण संस्थाओं तथा शिक्षकों की बदौलत यहां के युवाओं को मनचाही सफलता मिल रही है उसी का परिणाम रहता है कि आज प्रत्येक बडी प्रतियोगी परीक्षाओं में बीकानेर जिले के विद्यार्थियों का नाम भी शामिल होने लगा है। शिक्षा के उच्च मूल्यों को बनाए रखने एवं शैक्षणिक गुणवत्ता के निरंतर विकास के उद्देश्य से एडिटर एसोसिएशन ऑफ न्यूज पोर्टल्स ने एज्यूकेशन काॅन्क्लेव का आयोजन किया। इस आयोजन के प्रथम चरण में निजी एवं राजकीय क्षेत्र से कुल 30 संस्था प्रधान एवं संचालकों ने भाग लिया तथा कार्यक्रम के दौरान अपने अपने विचार रखें। कार्यक्रम के दूसरे चरण में कुल 50 शिक्षार्थियों को सम्मानित किया गया।

एडिटर एसोसिएशन के राजेश रतन व्यास एवं राजीव जोशी ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर मनोज दीक्षित रहे, जिन्होनें कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अतिथि के रूप में काॅन्सेप्ट इंस्टिट्यूट के भूपेन्द्र मिढ्ढा, रोटरी राॅयल्स के सचिव सुनिल चमड़िया, लघु उद्योग भारती के संरक्षक सुभाष मित्तल, एडिटर एसोसिएशन के सचिव विनय थानवी मंचासीन रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया इस दौरान एसोसिएशन के मनोज व्यास ने गणेश वंदना की।

एडिटर एसोसिएशन ऑफ न्यूज पोर्टल्स के अध्यक्ष आनंद आचार्य ने मंच पर तथा सदन मे आंमत्रित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए एजूकेशनल काॅन्क्लेव की जरूरत पर प्रकाश डाला तथा काॅन्क्लेव के प्रथम सत्र के रूप मे आयोजित संगोष्ठी में आमंत्रित वक्ताओं के विचारों का स्वागत करते हुए जन जन लेकर जाने व जरूरी विषयों को नीति निर्धारकों तक भी लेकर जाने के प्रति आश्वस्त किया।

काॅन्सेप्ट इंस्टिट्यूट के निदेशक भूपेन्द्र मिढ्ढा ने अपने उद्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि बीकानेर के न्यूज पोर्टल्स के सांझा मंच शिक्षा और शिक्षण व्यवस्था के लोगों को भी एक साझां मंच देकर एक सकारात्मक बनाने के बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। इंजिनियर मिढ्ढा ने सदन में बैठे विद्यार्थियों और माता पिता को सम्बोधित करते हुए कहा कि कि करियर एस्पायरेंट को वही विषय को लेना चाहिए जो उसकी इच्छा है ना कि वो विषय लेवें जो किसी दोस्त या माता पिता के दबाव का। मिढ्ढा ने शिक्षार्थियों को सम्मानित होने वाले छात्रों को शुभेच्छाऐं देते हुए कहा आप तो जिस भी फिल्ड में जाए उसे अच्छे से करें। इस दौरान प्रतिकूल परिस्थितियां भी आएगी। आप तो बस चलते रहे, रूके नहीं मंजिल जरूर मिलेगी।
रोटरी क्लब अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने आमंत्रित शिक्षा जगत के वक्ताओं का स्वागत करते हुए एजूकेशनल इवेंट की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। रोटेरियन गोपाल अग्रवाल ने कहा कि आज वक्ताओं द्वारा रखे गये विभिन्न विचार आये जिसको पेरेन्ट्स को भी सुनना चाहिए। अग्रवाल ने ऐसे आयोजन लगातार करने की जरूरत पर बल दिया तथा एडिटर एसोसिएशन के साथ रोटरी क्लब बीकानेर राॅयल्स को बीकानेर के विकास के लिए हमेशा उपलब्ध होने की बात कही।
मंचासीन लघु उद्योग भारती बीकानेर ईकाई के संरक्षक सुभाष मित्तल ने बीकानेर को शिक्षा का केन्द्र बताते हुए स्किल डवलमेंट को भी अग्रणी बनाने की जरूरत पर अपने विचार करते हुए सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध करवाने का तरीका बताया।

मंच के माध्यम से मुख्य अतिथियों के साथ कार्यक्रम के सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों में एलिग्जर इंटरनेशनल स्कूल के शैलेष तिवाड़ी, शिव शंकर बिस्सा, ओम पारीक, एन्ग्रामर्स के हिमान्शु व्यास, पुखराज प्रजापत, जाॅनी साधवानी सर, जगदीश सर, शांतनु सर लघु उद्योग भारती के बाल किशन पड़िहार, हर्ष कंसल, प्रकाश नवहाल व विनोद धानुका ने शिक्षकों तथा शिक्षार्थियों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के दौरान एडिटर एसोसिएशन के योगेश खत्री ने जिला उद्योग संघ के डीपी पचीसीया, समाज सेवी महावीर रांका, एम्पोरिया द यूनिट ऑफ बेबी हट के कुणाल कोचर, जूही फ्लावर्स के रोशन अली, प्रेम मिष्ठान भंडार के प्रमुख प्रेम अग्रवाल का कार्यक्रम के दौरान सहयोग देने के लिए आभार जताया। समारोह का मंच संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।
आयोजन को सफल बनाने मे वरिष्ठ पत्रकार राजेश रतन व्यास, राजीव जोशी, विनय थानवी, योगेश खत्री, मनोज व्यास, वीरेन्द्र जैन आभाणी, राम रतन मोदी, राहुल मारवाह, डाॅ मुदिता पोपली, उमेश पुरोहित, प्रमोद कुमार मोदी, भवानी शंकर व्यास, यतींद्र चढ्ढा के साथ साथ अजीज भुट्टा, बलजीत सिंह गिल, साहिल पठान, समिस्ता-सुमित विश्नोई, अजय त्यागी, के कुमार आहूजा, दिलीप गुप्ता, प्रमोद सामसुखा, गोरधन सोनी, दाऊ कल्ला, राजकुमार छंगाणी, मोहन कडे़ला सहित संगठन के सभी सदस्य सक्रिय रहे।

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