जहाँ एसपी ओर कलेक्टर दोनो है महिला उस जिले के ये हालत! नाबालिग से यौन हिंसा मामलों में दूसरे स्थान पर बीकानेर
बीकानेर जिले में जहां महिला कलेक्टर और महिला एसपी है वहां महिलाओं पर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बड़ी चिंता यह भी है नाबालिग बेटियों के साथ यौन हिंसा के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। औसत के लिहाज के हर सप्ताह तीन नाबालिगों से यौन हिंसा या पॉक्सों के मामले सामने आ रहे हैं। नई सरकार के गठन के बाद जून तक के छह महीनों में ही बीकानेर में 71 नाबालिग बेटियों के साथ यौन हिंसा या पॉक्सो के मामले हो चुके हैं। मतलब यह कि हर सप्ताह औसतन तीन बेटियों के साथ यह घृणित अपराध हो रहे हैं।
बेटियों के साथ यौन हिंसा: साढ़े तीन साल में 14731 मामले
मंगलवार को विधानसभा में दिये गए एक सवाल के लिखित जवाब जो आंकड़े सामने आये हैं वे चौंकाने के साथ चिंतित और दुखी करने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान मंे वर्ष 2021 से जून 2024 तक के साढ़े तीन सालों में नाबालिग बच्चियों के साथ यौन हिंसा या पॉक्सों के 14731 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। अफसोस की बात यह है कि इनमें से अब तक 10394 मामलों में ही चालान पेश हुआ है। मतलब यह कि लगभग 70.55 प्रतिशत मामलों में चालान हुआ जबकि लगभग 30 प्रतिशत मामलों में अब भी चालान नहीं हो पाया है।
छह महीनों में अलवर टॉप, बीकानेर दूसरे स्थान पर:
बात बीते छह महीनों की ही करें तो जून तक राजस्थान में पॉक्सों के सबसे ज्यादा मामले 104 मामले राजस्थान के अलवर में सामने आये। दूसरे नंबर पर बीकानेर हैं जहां 71 मामले रिपोर्ट हुए हैं। तीसरे नंबर पर भीलवाड़ा में 65 मामले रिपोर्ट हुए।
बीकानेर में यूं साल दर साल बढ़ रहे मामले:
बीकानेर में जिले में बीते साढ़े तीन सालों में लगातार नाबालिग यौन हिंसा या पॉक्सों के मामले बढ़े हैं। वर्ष 2024 में जून तक रिपोर्ट हुए 71 मामलों में से अब तक 27 मामलों में ही चालान हुआ है। मतलब यह कि लगभग आधे मामलों में चालान होना बाकी है।
वर्ष – मामले
2021 – 112
2022 – 115
2023 – 129
2024 जून तक 71
विधायक के सवाल पर गृहमंत्री की ओर से दिये गये लिखित जवाब में बताया गया है कि प्रदेश में 2021 से दिनांक 24.06.2024 तक नाबालिग बच्चियों के साथ होने वाली यौन हिंसा व पोक्सो एक्ट के तहत कुल 14731 प्रकरण दर्ज किये गये हैं । दर्ज प्रकरणों में से 10394 प्रकरणों मे चालान पेश किये जा चुके हैं व 1056 प्रकरण अब तक अनुसंधान में चल रहे हैं। इनमें से वर्ष 2021 के 04, वर्ष 2022 के 24, वर्ष 2023 के 144 व वर्ष 2024 के 884 प्रकरण पैंडिग हैं।
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