राजस्थान में लागू होगी बिजली की नई दरें, फिक्स चार्ज बढ़ाया, आदेश जारी
राजस्थान में बिजली की नई दरें अगस्त से लागू होगी। राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने इसका आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार प्रदेश में बिजली यूनिट दर नहीं बदली गई, लेकिन फिक्स चार्ज बढ़ा दिया गया। ऐसे में सितम्बर और अक्टूबर में मिलने वाले बिलों की राशि में असर दिखेगा। उद्योगों को मिलने वाली छूट भी नए टैरिफ प्लान में बदली गई है। जहां अभी तक रात को बिजली इस्तेमाल करने वाले उद्योगों को 7.5 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जिसे अब दिन के समय में 12 से 4 बजे के बीच इस्तेमाल करने पर छूट का प्रावधान रखा है। इस समय बिजली इस्तेमाल करने वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं को यूनिट दरों में 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
घरेलू बिजली उपभोग पर ये बदलाव
1- 50 यूनिट तक खपत पर बीपीएल उपभोक्ता से 100 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए।
2- 50 यूनिट तक खपत पर सामान्य उपभोक्ता से 125 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए।
3- 150 यूनिट तक खपत पर फिक्स चार्ज 230 रुपए से बढ़ाकर 250 रुपए।
4- 300 यूनिट तक खपत पर 275 रुपए था, जिसे बढ़ाकर 300 रुपए किया।
5- 500 यूनिट तक खपत पर 345 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए किया।
6- 500 यूनिट से अधिक की खपत पर 400 रुपए से बढ़ाकर 450 रुपए किया।
कुछ ज्यादा खपत वाले उपभोक्ता
1- 11 केवी लाइन पर घरेलू कनेक्शन पर प्रति केवीए 250 रुपए से बढ़ाकर 275 रुपए प्रति केवीए किया (200 यूनिट तक की खपत)।
2- अघरेलू (व्यावसायिक) कनेक्शन पर 5 किलोवाट तक 300 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 330 रुपए (200 यूनिट तक की खपत)।
3- अघरेलू ( व्यवसायिक) पर 380 रूपए प्रति माह से बढ़ा कर 420 रूपए ( 200 से 500 यूनिट तक की खपत)।
4- अघरेलू (व्यावसायिक) कनेक्शन पर 5 किलोवाट तक 460 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए (500 यूनिट से अधिक खपत)।
5- पांच किलोवाट से ऊपर के लोड वाले कनेक्शन पर 135 रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 150 रुपए प्रति किलोवाट (500 यूनिट तक खपत)।
6- पांच किलोवाट से ऊपर के लोड वाले कनेक्शन पर 150 रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 165 रुपए प्रति किलोवाट (500 से अधिक खपत)।
ऊर्जा सलाहकार वाई.के. बोलिया ने कहा
रिटायर्ड एसइ व ऊर्जा सलाहकार वाई.के. बोलिया ने बताया कि आयोग की ओर से आदेश में वार्षिक आधार पर तय आधार ईंधन अधिभार को टैरिफ में मिलाने के बजाय वर्ष 2024-25 में 52 पैसे प्रति यूनिट की दर से 4735 करोड़ रुपए का भार अलग से वसूली की स्वीकृति नियम विरुद्ध दी है। इस वर्ष तीनों डिस्कॉम को 5304 करोड़ रुपए का लाभ होने के अनुमान पर भी अतिरिक्त वसूली व स्थाई प्रभार और बढ़ाना सही नहीं है। लाभ की राशि को सेवा सुधार व कर्मचारियों को जरूरी संसाधन देने में उपयोग करना चाहिए।
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