बीकानेर@ शहर की सुगनी देवी जेसराज बैद होस्पीटल एण्ड रिर्सच सेंटर में एक प्रसुता के जुड़वा हुई संतानों में से एक बच्ची गायब होने का मामला सामने आये है। प्रसुता और उसके परिजन अब इस मामले को लेकर होस्पीटल के चक्कर लगा रहे है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। इधर, होस्पीटल प्रबंधन इस मामले में अपनी गलती तो मान रहा है, लेकिन साथ में यह भी दावा कर रहे है कि प्रसुता के एक ही बच्ची हुई थी। जानकारी के अनुसार जस्सुसर गेट के बाहर रहने वाली प्रसुता को गत 16 जनवरी को सुगनी देवी जेसराज बैद होस्पीटल में डिलवेरी के लिये भर्ती कराया गया था। प्रसुता की सिजेरियन डिलवरी हुई और परिजनों को एक बच्ची देकर रवाना कर दिया। हालांकि इस दौरान होस्पीटल में जुड़वा बच्चियों को लेकर थोड़ी सुगबुगाहट तो हुई लेकिन परिजनों को इसका पता नहीं चला। इस घटनाक्रम के करीब सात माह बाद प्रसुता के परिजन जब नगर निगम में बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिये पहुंचे तो पता चला कि होस्पीटल को ओर से भेजी गई ऑनलाईन रिपोर्ट में प्रसुता के जुड़वे संताने दर्ज है, इसलिये दूसरी बच्ची का फिजिकल रिपोर्ट कार्ड लाओं तभी जन्म प्रमाण पत्र बनेगा। संदेह होने पर परिजनों ने जब सुगनी देवी जेसराज बैद होस्पीटल की ओर से अपटेड की गई ऑन लाईन रिपोर्ट देखी तो उसमें दो बच्चियों का अकंन है। ऐसे में परिजनों ने संदेह जताया है कि होस्पीटल प्रबंधन प्रसुता के हुई जुड़वा बच्चियों में से एक बच्ची गायब कर दी। इस मामले को लेकर जब सुगनी देवी जेसराज बैद होस्पीटल के प्रबंधक मनीष बौथरा से बातचीत की गई तो उन्होंने गलती मानते हुए कहा कि होस्पीटल की ओर से भेजी गई ऑनलाइन रिपोर्ट में भूलवश दो बच्चियों का अंकन हो गया। लेकिन प्रसुता और परिजन इसे मानने के लिये तैयार नहीं है। उनका आरोप है कि होस्पीटल में हुई जुड़वा बच्चियों में से एक बच्ची गायब कर दी गई है, इसलिये मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए है। फिलहाल यह मामला उजागर होने के बाद सुगनी देवी जेसराज बैद होस्पीटल प्रबंधन इस मामले की लीपापोती में जुटा हुआ है।
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