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बीकानेर: क्रूरता की हदें पार, कुत्ते पर बेरहमी से डंडे बरसाए, तोड़ डाला जबड़ा और पै

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बीकानेर: क्रूरता की हदें पार, कुत्ते पर बेरहमी से डंडे बरसाए, तोड़ डाला जबड़ा और पैर

बीकानेर । कुत्तों को लेकर लोग धड़ों में बंटे दिखाई दे रहे। एक वो लोग जो खुद को एनिमल लवर कहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग हैं, जो कुत्तों को अपने इलाके से दूर रखना चाहते हैं और पास आने पर हमला कर देते हैं। बीकानेर में तीन अज्ञात ने एक कुत्ते के साथ क्रूरता की है, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। 

मामला शहर के कोटगेट थाना इलाके के धोबी तलाई में बेजुवानों को बेरहमी से पीटने का है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ युवक मोहल्ले में बैठे कुत्तो को इतनी बेहरमी से पीट रहे हैं जिससे से उसके शरीर पर काफी चोटे आई एक पैर फेक्चर होगया ओर जबड़ा तोड़ दिया अभी भी इलाज जारी है। तीन अज्ञात के खिलाफ बेजुबान वेलफेयर सोसाइटी परिवार ने मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बेजुवानों पर क्रूरता यह मामला कोटगेट थाना इलाके के धोबी तलाई की गली नं 19 का बताया जा रहा है। यह घटना 19 तरीख की रात की बताई जा रही है।जिसका वीडियो एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। इसके बाद किसी ने इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो में दो कुत्ते एक दरवाजे के पास बैठ दिखाई दे रहे हैं। अचानक कुछ युवक लाठी लेकर आते हैं और इन बेजुबानों को अमानवीय तरीके से पीटना शुरू कर देते हैं। कुते को घायल अवस्था मे गोगागेट स्थित पशु चिकित्सालय में इलाज का ले जाया गया है। आरोपी के खिलाफ बीएनएस एक्ट 325/ 3(5) की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच गिरधारी दान को सौंपी गई है।


वायरल वीडियो में कुत्ता इतना घायल हो जाता है कि वह अपनी जगह से उठ भी नहीं पाता। लाठी के प्रहार से उसके एक पैर टूट जाता है, और ढेर सारा खून बहता दिखाई दे रहा है, वहीं कुत्ते का जबड़ा पूरी तरह से टूट गया है। बेजुबान के साथ मारपीट का वीडियो इतना वीभत्स है कि हम आपको दिखा नहीं सकते। फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर जीव प्रेमी इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
भारत में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस ऐक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस ऐक्ट में शामिल हैं।

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