रीको आरटीआई प्रकरण: क्षेत्रीय प्रबंधक को धमकाने का आरोप, रीको ने अंतिम नोटिस के जरिए तुलसानी को चेताया
बीकानेर। अपने खारिज प्लाट की बहाली को लेकर एक परिवादी द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय रीको में बार बार सूचना का अधिकार के तहत सूचना मांगने की अपीलें लगवाने के मामले में नया मोड आया है। इसको लेकर परिवादी नारायण दास तुलसानी के अधिवक्ता द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक के विरूद्व कठोर सिविल आपराधिक कार्यवाही की धमकी दी गई है। जिसको लेकर इकाई प्रभारी एस के गर्ग ने परिवादी तुलसानी को नोटिस जारी किया है। जिसमें कार्यालय के कर्मचारियों,अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने,कार्यालय का समय व्यर्थ व्यतीत करने तथा आमजन के समक्ष रीको की छवि धूमिल करने की बात कही है। साथ ही तुलसानी के अधिवक्ता के नोटिस का जिक्र भी किया है। जिसमें एक लोकसेवक के प्रति तुगलगी फरमान जारी करने,अपने आपको सोशल स्तर पर हीरो साबित करने,तानाशाही रवैया अपनाने एवं अपने आपराधिक कृत्यों पर पर्दा डालने जैसी अपमानजनक टिप्पणियां कर गरिमा को ठेस पहुंचाने की बात भी लिखी है। रीको इकाई प्रभारी एस के गर्ग तुलसानी को अंतिम नोटिस के जरिये चेताया है कि इस प्रकार की कार्यप्रणाली को तुरंत विराम देंवे अन्यथा उनके द्वारा किसी प्रकार के पत्राचार पर कोई कार्रवाई किया जाना संभव नहीं होगा।
यह है मामला
बताया जा रहा है कि तुलसानी ने रीको औद्योगिक क्षेत्र करणीनगर में रीको भू निपटान नियम 1979 के नियम 3 डब्लू के तहत 885.49 रूपये प्रति वर्गमीटर की रियायती दर पर औद्योगिक भूखंड संख्या ई-593 एवं एफ 609 से एफ 615 क्षेत्रफल 29893 वर्गमीटर रीको द्वारा आवंटित किया गया था। इस भूखंड पर तुलसानी द्वारा आवंटन पत्र की शर्तों के अनुसार निर्धारित समायवधि में रूपये 39.62 करोड़ का निवेश करना था। जिससे राज्य के औद्योगिक विकास को बल मिलता एवं क्षेत्र में रोजगार सृजित होता। परन्तु तुलसानी द्वारा आवंटन पत्र की शर्तों एवं रीको के नियमों की पालना नहीं किये जाने पर रीको द्वारा उनके भूखंड को 25.11.2019 को निरस्त कर दिया। जिससे असंतुष्ट होकर तुलसानी द्वारा रीको के विभिन्न स्तरों पर भूखंड को बहाल की अपील दायर की। जिसे रीको निगम मुख्यालय द्वारा विभिन्न स्तरों पर नियमानुसार खारिज किया गया। इसके बाद तुलसानी ने रीको के विरूद्व उच्च न्यायालय जोधपुर एवं आईडीसी रीको के समक्ष सात वाद भी दायर किये गये।
6 माह में 400 लगाई आरटीआई
तुलसानी ने भूखंड निरस्तीकरण से क्षुब्ध होकर भूखंड बहाल के लिये 6 माह में लगभग 400 आरटीआई आवेदन प्रस्तुत किये। जिनकी प्रतिलिपि व स्मरण पत्र राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, चेयरमैन रीको, एमडी रीको, जिला उद्योग केन्द्र, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल जयपुर, बीकानेर, सलाहाकार ईएम, इन्फ्रा,एएंडएम आदि को भी दिये।
तीन लाख के अर्थदंड के चलते दिया जबाब
गौरतलब रहे कि रीको इकाई प्रभारी एस के गर्ग की ओर से तुलसानी द्वारा बार बार एक ही सूचना के लिये चार सौ से ज्यादा अपीलें लगाने को लेकर राजस्व के रूप में तीन लाख रूपये का अर्थदंड वसूलने का नोटिस देने के बाद तुलसानी के अधिवक्ता अनिल सोनी ने इकाई प्रभारी को इस प्रकार का जबाबी पत्र लिखा। जिस पर गर्ग ने अंतिम नोटिस जारी किया है।
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