बीकानेर: भैरूनाथ दर्शन को जा रही महिलाओं को कार ने रौंदा, मामी-नानंदी की मौत, एक घायल
बीकानेर@ पैदल जा रही नानंदी-देवरानी-जेठानी सहित 3 महिलाओं को कार ने सामने से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिलाओं की बॉडी के टुकड़े सड़क पर बिखर गए। पैर सहित शरीर के तमाम अंग कटकर दूर जा गिरे। नानंदी-मामी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने शव के एक-एक टुकड़े को चुनकर चादर में रखा। इसके बाद उसे पोटली बनाकर ले गए।
एक ही परिवार की 3 महिलाएं मंगलवार सुबह करीब 4 बजे श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर) में स्थित तौलियासर भैरुंजी मंदिर जा रही थीं। मंदिर से करीब 2 किमी पहले ये हादसा हो गया। हादसे के बाद कार का ड्राइवर मौके पर गाड़ी छोड़कर भाग गया।
तड़के दर्शन करने निकली थीं महिलाएं
श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया- हर साल की तरह इस बार भी तौलियासर भैरुंजी मंदिर में मेला चल रहा है। हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। मंगलवार तड़के आडसर बास की रहने वाली राखी (34) पत्नी आनंद और खुशी (20) पुत्री नथमल तावणिया भी दर्शन करने निकली थीं। मंदिर मार्ग पर ही कार ने 3 महिलाओं को चपेट में ले लिया। इसमें राखी और खुशी की मौत हो गई है। माया (25) पत्नी घनश्याम सारस्वत निवासी आडसर बास, बीकानेर गंभीर रूप से घायल हो गई है। इसे श्रीडूंगरगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल ले जाया गया था। यहां से डॉक्टरों ने बीकानेर रेफर कर दिया है। उधर, मेले के दिन इस मार्ग को 'वन वे' नहीं करने से लोगों में आक्रोश है।
मृतका राखी के ससुर जगदीश सारस्वत व घायल माया के ससुर ओमप्रकाश सारस्वत रिश्ते में सगे भाई है। राखी जेठानी थी व माया देवरानी और जगदीश की दोहिती 20 वर्षीय खुशी भी दोनों मामियों के साथ बाबा के दर्शन करने श्रीडूंगरगढ़ से रवाना हुई थी। अलसुबह तीनों ने एक सेल्फी लेकर स्टेट्स पर लगाई और जय भैरव नाथ भी लिखा। उनकी ये सेल्फी अंतिम सेल्फी साबित हुई। राखी श्रीडूंगरगढ़ में ही ओझा परिवार की बेटी थी। बिग्गा निवासी खुशी व राखी की मौत से अनेक परिवारों में मातम छा गया है। वहीं मृतका खुशी जहां पढ़ाई कर रही थी वहीं राखी के ससुर राखी के पास ही रहते थे और आज मासूम पोतियों के देखकर कर बुजुर्ग बार बार बिलख उठते है। घर में सास नहीं होने के कारण ससुर व अपने परिवार की जिम्मेदारी राखी के कंधो पर ही थी। दोनों की अकाल मौत से अनेक जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुए है। वहीं दूसरी और खुशी के माता पिता वापी रहते है और वह यहां नाना के घर ही रहती थी। उसके माता पिता के पहुंचने पर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंपा जाएगा।
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