दहेज के लिए महिला को परेशान करने और बाद में मारकर फांसी पर लटकाने के आरोप से जुड़े एक मामले में अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला बीकानेर के अपर सेशन न्यायालय (महिला उत्पीड़न) में चल रहा था, जहां गुरुवार को फैसला सुनाया गया।
मामले के अनुसार, चार मार्च 2021 को ईंदा नामक महिला का शव फंदे से लटका हुआ मिला था। इस पर ईंदा के पिता ने नाल पुलिस थाने में फारुख अली पुत्र फखरुदीन के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। आरोप था कि फारुख ने अपनी पत्नी ईंदा को मारकर फांसी पर लटका दिया। उसे दहेज के लिए परेशान किया गया था। पुलिस ने इस मामले में अगस्त 2021 में चालान पेश कर दिया। जिसके बाद पक्ष और विपक्ष दोनों में लंबी बहस चली।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किए गए। अदालत ने फारुख को अलग-अलग धाराओं में सजा देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। इसमें दहेज से जुड़ी धारा 498ए और 304बी भी शामिल हैं। दोनों धाराओं में फारुख को दोषी माना गया है। सभी सजाएं एक साथ चलेगी, जिसमें सबसे बड़ी सजा आजीवन कारावास है। मामले में अपर लोक अभियोजक गणेशराम गहलोत की भूमिका रही, वहीं परिवादी की ओर से किशन सांखला ने पैरवी की।
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