तीन पीढियां से रावण बन रहा है एक ही परिवार "आहूजा परिवार"
बीकानेर@ रामायण की बात करते हैं एक ऐसे चरित्र की बात सामने आती है जिसके विशाल का शरीर व आटा हास्क को देखकर हर कोई भयभीत हुए बिना नहीं रह सकता हर वर्ष देश भर में नवरात्र के दौरान होने वाले रामलीलाओं व दशहरे उत्सव की झांकियां में रावण की भूमिका निभाने वाले कलाकार हर किसी के आकर्षण का केंद्र रहता है बीकानेर में दशहरा महोत्सव के दौरान सजाई जाने वाली झांकियां में पीढ़ी रावण की भूमिका निभाने वाले आहूजा परिवार ने रावण की लड़ाई की बहुत ऊंचाई में प्रदान की है बल्कि रावण परिवार के नाम सहित ख्याति अर्जित की है।
आहूजा परिवार के सदस्य के कुमार आहूजा के अनुसार दशहरा महोत्सव के अवसर पर उनके ही परिवार का व्यक्ति रावण की भूमिका पिछले 63 वर्षों से निभाते आ रहे हैं आहूजा के अनुसार उनके दादाजी आहूजा ने रावण बनने की परंपरा परिवार में शुरू की उन्होंने 20 वर्ष तक श्रेष्ठ अभिनय क्षमता और बुलंद आवाज के माध्यम से न केवल भूमिका निभाई बल्कि भरपूर मनोरंजन भी किया। दादा जी द्वारा लगातार रावण की भूमिका परिवार के सदस्य एवं पूर्व आयकर अधिकारी शिवाजी आहूजा ने 25 वर्ष तक सिल्वर जुबली रावण की भूमिका निर्माण किया शिवाजी आहूजा ने अभिनय के पात्र अनुसार वेशभूषा से रावण की भूमिका को ऊंचाइयां प्रदान की इसी कड़ी में के कुमार आहूजा पिछले 22 वर्षों से दशहरे के अवसर पर रावण की भूमिका निभाते आ रहे हैं वह आहूजा परिवार की रावण परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं के कुमार आहुजा ने अपने कद काठी खतरनाक आवाज के माध्यम से अलग पहचान बनाई है।रावण से भयभीत रहने की छवि को भी बदलने की दिशा में के कुमार और प्रयास कर रहे हैं रावण बने के कुमार आहूजा जाए तब राम लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारते हैं तो दूसरी तरफ बच्चों को ट्रॉफी बिस्किट वितरण भी करते हैं आहूजा परिवार जिनको लोग रावण परिवार के नाम से भी जानते हैं और सदस्य के कुमार जी के धर्मपत्नी को मंदोदरी भाभी के नाम से पुकारते हैं यह उनके लिए गर्व का विषय है शनिवार को भी के कुमार आहूजा रावण की भूमिका में जहां एक और शहर वासियों को मनोरंजन करते आएंगे वहीं दूसरी ओर आहूजा परिवार की संस्कृति में एक और सरनेम वर्ष जुड़ जाएगा।
बीकानेर में इस बार का दशहरा महोत्सव विशेष रूप से आकर्षक और भव्य होने जा रहा है। शोभायात्रा से लेकर आसमानी आतिशबाज़ी तक, सबकुछ दर्शकों के लिए यादगार बनाने की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। रावण परिवार के पुतले भी स्टेडियम में खड़े किए जा चुके हैं। आयोजन की भव्यता और नए आकर्षण इस बार दशहरे के इस महोत्सव और भी खास बना देंगे।
दशहरा महोत्सव की तैयारियाँ अंतिम चरण में
बीकानेर दशहरा कमेटी इस वर्ष के आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में जुटी है। कमेटी के महासचिव संजय झांब ने बताया कि आयोजन की तैयारियाँ अब अंतिम चरण में हैं और स्टेडियम में रावण परिवार के पुतले स्थापित किए जा चुके हैं। इस बार की शोभायात्रा और आतिशबाज़ी कार्यक्रम को और अधिक भव्य बनाने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं। इसके साथ ही सभी चयनित 131 पत्रों को लगातार रिहर्सल करवाई जा रही है।
कमेटी के उपाध्यक्ष कबीर झांब ने जानकारी दी कि हर पुतले के दहन से पहले आकर्षक आतिशबाज़ी का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार की आतिशबाज़ी दर्शकों को चकित कर देगी, जिसमें जमीन और आसमान दोनों को आतिशबाजी के जरिए खूबसूरती से सजाया जाएगा। यह प्रयास हैं कि दर्शक इस बार का आयोजन कभी न भूलें और यह उनके लिए एक यादगार शाम बने।
आयोजन को भव्य बनाने का प्रयास
दशहरा कमेटी के उपाध्यक्ष देवेंद्र मेंहदीरत्ता ने बताया कि इस आयोजन की शुरुआत 68 वर्ष पूर्व उनके प्रेरणास्रोत मेहरचंद झांब ने की थी, और अब यह आयोजन हर साल और अधिक भव्य होता जा रहा है। उनका सपना है कि बीकानेर का दशहरा देशभर में अपनी अलग पहचान बनाए। इसी उद्देश्य से शोभायात्रा में नए-नए आकर्षण जोड़े जाते हैं। साल-दर- साल इस आयोजन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे यह महोत्सव स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित हो।
विशेष आकर्षण और आतिशबाज़ी
इस बार की शोभायात्रा में 131 से ज्यादा पात्र शामिल होंगे, जो इस आयोजन को और भी भव्य बनाएंगे। शोभायात्रा की शुरुआत रानी बाज़ार स्थित मेढ़ स्वर्णकार भवन से होगी, और इस दौरान "लकी फायरवर्क्स" द्वारा डिजिटल आतिशबाज़ी प्रदर्शन से रास्ते में ही पुष्पवर्षा भी की जाएगी। इस शोभायात्रा की भव्यता और रचनात्मकता दर्शकों को अचंभित कर देगी।
आतिशबाज़ी के दौरान विशेष रूप से डिजाइन किए गए आसमानी रंग-बिरंगे पटाखे बीकानेर के आसमान को सजा देंगे, और रावण के पुतले के दहन के साथ यह दृश्य और भी आकर्षक होगा।
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