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Diwali 2024: टेंशन न लें आज और कल भी मना सकते हैं दिवाली, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर का लक्ष्मी पूजन मुहूर्त यहां देखें

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दीपावली आज और कल; पूजन का शाम 5:51 से 8:26 तक श्रेष्ठ मुहूर्त, रूप चतुर्दशी आज




शुभ दीपावली इस बार दो दिवसीय दीपावली के रूप में डबल उत्सव बन गया है। घरों में उल्लास का माहौल दुगुना हो गया है। उत्वमय माहौल में डबल दीप पूजन, डबल रंगोली मांडना सजावट, डलब पूजन, डबल पटाखे, डबल मिठाईयों के आनंद से चारों और उत्साह छा रहा है। बाजार में भी माहौल उत्साहमय हो गया और अधिकांश दुकानें धनतेरस से ही लगातार सज रही है। हर कोई शुभता की शुभकामनाएं एक दूसरे को दे रहें है। पंचागवेत्ता शुक्रवार को दीप पूजन को प्राथमिकता दे रहें है वहीं बड़ी संख्या में नागरिक दोनों दिन माँ लक्ष्मी का पूजन करेंगे। अनेक परिवारों में विधि विधान से आज महालक्ष्मी पूजन संपन्न किया जाएगा। अनेक परिवारों में शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन संपन्न होंगे। ज्योतिषविद् देवीलाल उपाध्याय ने ज्योतिष के अनेक ग्रंथो का अध्ययन कर दोनों दिन के पूजन के अनेक मुहूर्त दिए है। उपाध्याय ने बताया कि दो दिवसीय दीपावली में निर्विवाद रूप से राम श्यामा 2 नवंबर, शनिवार को ही है। बैठक व पारिवारिक मिलन के कार्यक्रम शनिवार को ही होंगे। उपाध्याय ने विभिन मुहूर्त में पूजन व समृद्धि प्राप्ति के लिए अचूक उपाय भी बताया है।

कौनसे लग्न में करें पूजन:- श्रीगणेश ज्योतिष कार्यालय के
ज्योतिषी राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया की सनातन धर्म मुख्य पर्व दीपावली इस वर्ष दो दिन मनाया जा रहा है। ज्योतिषविद् राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष दिनांक 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को अमावस्या तिथि दोपहर 3:53 से आरंभ होकर शुक्रवार को शाम 6:17 बजे तक रहेगी। उपाध्याय के अनुसार दीपावली पर्व पर श्रीमहालक्ष्मी पूजन के दौरान अमावस्या तिथि विशेष फलदायक मानी जाती है। इस वर्ष गुरुवार एवं शुक्रवार दोनों ही दिनों में अमावस्या तिथि के आगमन से देश की विभिन्न क्षेत्र में दीपावली पर्व दो दिनों तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान पाठकों के मन में जो संशय चल रहा है कि आखिर हमें श्री महालक्ष्मी पूजन कब करना चाहिए?

उपाध्याय ने कहा कि मन में संशय ना रखते हुए उत्साह व उल्लास के साथ मां लक्ष्मी का पूजन करें। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कार्तिक कृष्णा अमावस्या प्रदोष काल में दो दिन रहने से श्री महालक्ष्मी पूजन गुरुवार एवं शुक्रवार दोनों ही दिनों में करना ही शास्त्र सम्मत है।

श्री महालक्ष्मी पूजन मूहुर्त 31 अक्टूबर 2024:-

शुभ सम्वत् 2081 कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी सायं 3:53 बजे उपरांत अमावस्या, गुरुवार, नक्षत्र चित्रा रात्रि 12:45 बजे उपरांत स्वाति, चंद्र राशि कन्या प्रातः 11:16 उपरांत तुला, दिनांक 31 अक्टूबर 2024 के शुभ मुहूर्त:-

1. प्रदोषकाल - 5:30 से रात्रि 8:15 बजे तक
2. वृषभ लग्न - शाम 6:44 से 8: 40 बजे तक
3. मिथुन लग्न 08:41 से 10:53 बजे तक
4. सिंह लग्न- रात्रि 1:12 बजे से 3:27 बजे तक श्री महालक्ष्मी पूजन मूहुर्त 01//11/2024

श्री महालक्ष्मी पूजन मूहुर्त 01 नवम्बर 2024:-

शुभ संवत 2081 कार्तिक कृष्णा अमावस्या रात्रि 6:17 बजे उपरांत प्रतिपदा, शुक्रवार, स्वाति नक्षत्र, रात्रि 3:31 बजे उपरांत विशाखा, चंद्र राशि तुला दिनांक 01 नवम्बर 2024 के शुभ मुहूर्त:-

1. वृश्चिक लग्न-प्रातः 8:00 से 10:17 बजे तक
2. अभिजीत मुहूर्त-दोपहर 12:17 से 1:05: बजे तक
3. कुंभ लग्न-दोपहर 2:05 से 3:35 बजे तक
4. गोधुलि-5:36 से 6:00 बजे तक
5. वृषभ लग्न-शायद 6:40 से 8:36 बजे तक
6. मिथुन लग्न-रात्रि 8:37 से 10:49 बजे तक
7. सिंह लग्न-रात्रि 1:08 से 3:23 बजे तक

जाने कौनसी राशि वाले किस लग्न में करें पूजन:-

राशि- लग्न

मेष- वृषभ, मिथुन, सिंह, कुंभ

वृषभ - वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, कुंभ

मिथुन- मिथुन, सिंह, वृश्चिक, कुंभ

कर्क- वृषभ, सिंह, वृश्चिक,

सिंह - वृषभ, मिथुन, सिंह, कुंभ

कन्या - वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, कुंभ

तुला- मिथुन, सिंह, वृश्चिक, कुंभ

वृश्चिक - वृषभ, सिंह, वृश्चिक

धनु-वृषभ, मिथुन, सिंह, कुंभ

मकर - वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, कुंभ

कुंभ-मिथुन, सिंह, वृश्चिक, कुंभ

मीन - वृषभ, सिंह, वृश्चिक ।


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