सोशल मीडिया पर छाये लॉरेंस विश्रोई बवंडर के बीच गुरुवार को चौकानें वाली खबर सामने आई है। दरअसल, चंडीगढ़ की एक अदालत ने तेरह साल पहले दर्ज एक मामले में आरोपी लॉरेंस बिश्रोई को बरी कर दिया है। यह मामला 2011 का था, जब उस पर खालसा कॉलेज के एक छात्र सतविंदर के घर में घुसकर मारपीट और फायरिंग करने का आरोप लगा था। यही केस लॉरेंस की अपराध की दुनिया में एंट्री का पहला कदम माना जाता है। मामले की शुरुआत तब हुई जब 2011 में अमृतसर के खालसा कॉलेज के छात्र सतविंदर के घर में जबरदस्ती घुसने और फायरिंग करने का आरोप लॉरेंस पर लगा. इस घटना के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था.
यह मामला बिश्नोई के खिलाफ पहला आपराधिक केस था, और यहीं से उसका जुर्म की दुनिया में नाम बनने लगा। जानकारी के अनुसार मामले की सुनवाई कई सालों तक चलती रही। अदालत में सबूतों और गवाहियों के आधार पर यह तय किया गया कि 13 साल पहले दर्ज किए गए इस मामले में बिश्नोई के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले. इसके बाद अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया। जानकारी में रहे कि लॉरेंस विश्रोई फिलहाल अहमदाबाद की साबरमति जेल की हाईसिक्योरिटी सेल में बंद है और अभी हाल में मुंबई के प्रभावशाली नेता बाबा कुरैशी की दिन दहाड़े गोली मार हुई हत्या के मामले में उसका नाम सुर्खियों में आया है।
देशभर के बड़े गैंगस्टर्स की लिस्ट में शामिल
बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई का नाम अब देशभर में एक बड़े गैंगस्टर के तौर पर जाना जाता है, लेकिन इस पहले केस के साथ उसके अपराध की शुरुआत हुई थी. बरी होने के बावजूद, अन्य आपराधिक मामलों के चलते वह फिलहाल जेल में ही रहेगा.
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