बीकानेर, 30 नवम्बर। उपचुनाव की आचार संहिता के बाद आज पहली बार कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण विरोधी बिल को मंजूरी दी गई। बजट सत्र में यह बिल लाया जाएगा। जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल। खुद की मर्जी से धर्म परिवर्तन पर 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होगी।
इसके साथ ही आरएसी कॉन्स्टेबल भर्ती में बदलाव किया गया। भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरण, 9 नीतियों को भी मंजूरी दी गई है।
बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान में धर्मांतरण के खिलाफ कड़े प्रावधान करने के लिए भजनलाल सरकार बिल लेकर आ रही है। विधानसभा में इसे पेश किया जाएगा। इसमें किसी को लालच देकर और डरा धमकाकर धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा- किसी व्यक्ति का परिवार या अन्य लोगों से बिना जानकारी, प्रशासन को बिना सूचना दिए धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे हम धर्म परिवर्तन मानते हैं। उसके लिए आज हम यह कानून लेकर आए हैं। कोई पहली बार नाजायज धर्म परिवर्तन करवता है तो 1 से 5 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
कोई नाबालिग या एससी-एसटी के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन करवाता है तो 3 से 10 साल की सजा है। अगर कोई समूह में धर्म परिवर्तन करवाता है या बार- बार धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसमें सजा के कड़े प्रावधान रखे गए हैं।
इधर कैबिनेट की बैठक में बीकानेर विकास प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दिए जाने पर बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास के नेतृत्व में विधायक सेवा केंद्र में कार्यकर्ताओं ने खुशियां मनाई गई। विधायक व्यास ने कहा कि कैबिनेट के इस निर्णय से बीकानेर के विकास को पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गत एक वर्ष में बीकानेर को अनेक सौगातें दी हैं। विकास प्राधिकरण इनमें सबसे बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण से शहर का दायरा बढ़ेगा और अनेक सुविधाएं मिलेंगी। विधायक ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा का आभार जताया। इस दौरान पटाखे फोड़े और मिठाई बांटकर खुशियां मनाई। इस अवसर पर भंवर पुरोहित, किशन चौधरी, अशोक आचार्य, किशोर आचार्य, योगेंद्र शर्मा, योगेश सुथार, ओम प्रकाश कुमावत, मुरली व्यास, बाबू सुथार, मानवेंद्र व्यास सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
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