बीकानेर।म्हारों भैंरु बाबो ऐसो रे लाडलो, थ्हने भैंरुजी मिले तो कहियों रे और जाग जाग रे मतवाला भैंरु सरीखे भजनों की गूंज शनिवार को घर-घर और भैरव मंदिरों में रही। भैरव प्रतिमाओं का अभिषेक,पूजन, श्रृंगार,महाआरती का क्रम मध्यरात्रि बाद तक जारी रहा। इस दौरान भैरव अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत पाठ,भैरव मंत्र जाप और भजनों के आयोजन हुए। तेल व पंचामृत से अभिषेक कर विविध पूजन सामग्री से पूजन किया गया। भैरव प्रतिमाओं के मोगरी के चूरमे का विशेष भोग अर्पित किया गया। कई स्थानों पर छप्पन भोग और भैरव महाप्रसाद के आयोजन हुए। शहर में िस्थत तोलियासर भैरव,कोडमदेसर भैरव, सियाणा भैरव,राजासर भैरव और सीसा भैरव के विभिन्न मंदिरों में दिन भर दर्शन-पूजन का क्रम चला। तेलाभिषेक व पंचामृत अभिषेक के साथ सिंदूर,बर्ग,मालीपाना, धूप, दीप,नैवेद्य,इत्र, पुष्पमाला,कुमकुम, केशर,अक्षत आदि से पूजन कर महाआरती की गई।
दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्धालु
भैरवाष्टमी पर तोलियासर भैंरव गली बाजार िस्थत मंदिर, तेलीवाड़ा चौक,मोहता चौक,आचार्य चौक, बारह गुवाड़ ओझा गली,काशनदी छंगाणी मौहल्ला,फूंभड़ा पाटे के पास,झंवरों का चौक, नथानी सराय,नत्थूसर गेट के अंदर,गोकुल सर्कल सूरदासाणी बगीची,शिवशक्ति साधना पीठसियाणा सदन,ओझा सत्संग भवन के पास, करमीसर रोड,मीणा चौक जोशीवाड़ा, लालीमाई पार्क, धर्मनगर द्वार के पास, एम एम ग्राउण्ड रोड, रत्ताणी व्यास बगीची, सियाणा पार्क, हरोलाई हनुमान मंदिर रोड, बिस्सा चौक,लालाणी व्यास चौक,गोपेश्वर बस्ती,पारीक चौक, प्रकाश चित्र के पीछे, गंगानगर रोड सहित विभिन्न स्थानों पर स्थित मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
चकमक करतो बण़्यों चूरमो…
भैरवाष्टमी पर घरों में स्थापित भैरव प्रतिमाओं को तेल, सिंदूर से अभिषेक, पूजन कर आरती की गई। मोगरी चूरमा व दाल-बेसन से बड़ों का विशेष भोग अर्पित किया गया। सदस्यों ने सामूहिक रूप से भैरव प्रतिमा का चमेली के तेल से अभिषेक किया। भैरवनाथ के भजन, स्तुति गान,भैरव स्त्रोत पाठ,भैरव चालीस का सामूहिक पाठ हुआ।
बीकानेर से पहुंचे श्रद्धालु
भैरवाष्टमी पर भैरव प्रतिमाओं के दर्शन पूजन के लिए बीकानेर शहर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कोडमदेसर गांव, सियाणा, तोलियासर, सीसा और राजासर भैरवनाथ पहुंचे।
तेल से अभिषेक, लगाया छप्पन भोग
गोकुल सर्कल स्थित सूरदासाणी बगीची में कोडाणा सियाणा भैरव मंदिर में कोडमदेसर के तीन दिवसीय महोत्सव के अंतिम दिन धार्मिक अनुष्ठान हुए। भैरव प्रतिमा का अभिषेक, पूजन,महाआरती की गई। छप्पन भोग अर्पित किए गए। सियाणा सदन में पंडित दुर्गा दास किराडू के सानिध्य में सियाणा भैरव की आरती की गई। शिव शक्ति साधना पीठ में पंडित प्रदीप किराडू के सानिध्य में,काशनदी छंगाणी मोहल्ला में बारह गुवाड़ चौक ओझा गली िस्थत सियाणा भैरव मंदिर में अभिषेक-पूजन व महाआरती हुई। नथानी सराय स्थित कोडाणा भैरव मंदिर में अभिषेक, पूजन, आरती और महाप्रसाद का आयोजन हुआ।
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