बीकानेर@ 11 वर्ष का हर्षित और 07 साल की साक्षी रंगा चचेरे भाई-बहिन हैं। कम उम्र के इन बच्चों ने हौसले और सूझ-बूझ से वह कर दिखाया जो मुसीबत में पड़े सभी बच्चे करें तो अप्रिय घटनाओं को टाला जा सकता है।
दरअसल मुरलीधर व्यास कॉलोनी में रहने वाले इन बच्चों के स्कूल की छुट्टी हुई तो घर की तरफ निकले । इनको अहसास हुआ कि साधूनुमा दो शख्स तेज-तेज चलते हुए इनकी तरफ आ रहे हैं। इन बच्चों को पुकारा भी। ऐसे में दोनों एकबारगी तो डरे लेकिन फिर हिम्मत कर जोर से चिल्लाने लगे। बच्चों के चिल्लाने की आवाज सुन लोग जुटने लगे तो साधूनुमा दोनों शख्स भागने लगे।
मुरलीधर व्यास कॉलोनी की चूरा गली में हुई इस घटना के बाद दोनों शख्स इस कदर भागे कि पीछा करने वालों को चुंगी चौकी तक पीछे जाना पड़ा। वहां पकड़कर पुलिस के हवाले किया। बच्चों ने अपने दादा श्यामलाल रंगा को पूरी घटना बताई। रंगा के मुताबिक दोनों साधुओं में से एक ने अपना चेहरा ढंक रखा था।
घर-स्कूल में दी जा रही नसीहत काम आई :
दरअसल बच्चों को घर, स्कूल में आजकल “गुड टच-बैड टच” से लेकर अजनबियों की हरकतों पर कैसी प्रतिक्रिया देनी है, जैसी बातें सिखाई जा रही है। अपने इसी सीखे हुए को उन्होंने अमल में लिया और अनहोनी की आशंका को टाल दिया।
कोलायत मेले में पंजाब से आए थे :
हालांकि पुलिस ने साधुओं को पकड़कर पूछताछ की जिसमें अगवा करने की घटना से इन्होंने इनकार किया। नयाशहर पुलिस थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी का कहना है, साधुओं ने कोलायत मेले के लिए आने की बात कही है। पंजाब से आए हैं। इनके आईडी सहित अन्य दस्तावेज चैक किए हैं।
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