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बुआ पर विधायक ने कराई FIR: राजपरिवार के चार ट्रस्ट कार्यालयों का सामान खुर्दबुर्द करने का आरोप, राज्यश्री व मधुलिका सहित सात लोगों पर केस

India-1stNews




उदयपुर के बाद अब बीकानेर पूर्व राजघराने का प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है। बीकानेर (पूर्व) की विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बुआ राज्यश्री कुमारी (अंतरराष्ट्रीय शूटर) पर प्रॉपर्टी को लेकर बीछवाल थाने में FIR कराई गई है।

मंगलवार को दर्ज हुए क्रॉस केस में एक मामला सिद्धि कुमारी पर होटल चलाने वाली कंपनी ने कराया है। दूसरा केस बुआ (राज्यश्री) पर सिद्धि कुमारी के ट्रस्ट की ओर से संपत्ति खुर्द-बुर्द को लेकर कराया गया है।

बीकानेर के पूर्व राजघराने की अरबों की संपत्ति को लेकर महाराजा करणी सिंह की बेटी और अंतरराष्ट्रीय शूटर राज्यश्री कुमारी, करणी सिंह के बेटे नरेंद्र सिंह की बेटी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद है। दोनों प्रॉपर्टी से जुड़े ट्रस्टों को लेकर अपना-अपना अधिकार जता रही हैं। करीब 11 महीने पहले भी सिद्धि कुमारी ने बुआ राज्यश्री पर धोखाधड़ी और गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाते हुए 3 लोगों पर एफआईआर कराई थी।


मंगलवार को बीछवाल थाने में 2 FIR

पहली FIR: एक एफआईआर सिद्धि कुमारी पर हुई है। यह रिपोर्ट लक्ष्मी निवास होटल चलाने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राइंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के राजीव मिश्रा ने दर्ज कराई है। मिश्रा का आरोप है- सिद्धि कुमारी उन्हें होटल चलाने में अड़चन पैदा कर रही हैं।

सिद्धि कुमारी के पिता नरेंद्र सिंह ने उनकी फर्म के साथ 19-19 साल की तीन लीज डीड पर 15 जून 1999 को हस्ताक्षर किए थे। 57 साल के लिए हुई इस लीज के बदले उन्हें भुगतान किया गया। इसके बाद भी विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी ने उनसे फरवरी 2011 तक चार करोड़ रुपए वसूल लिए। बाद में लीज आगे नहीं बढ़ाने पर रुपए वापस नहीं लौटाए।

दूसरी FIR: सिद्धि कुमारी से जुड़े ट्रस्ट में कोषाध्यक्ष की हैसियत से संजय शर्मा ने बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया है। इसमें आरोप है- देवस्थान विभाग ने राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के प्रावधानों के तहत नए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का नाम संशोधित कर दिया। इसके बाद जब 29 मई 24 को चार्ज लिया तो पता चला कि सामान खुर्द-बुर्द कर दिया गया है। महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर चले गए हैं। इन आरोपों के आधार पर राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी (राज्यश्री की बहन) के साथ ही वहां काम करने वाले हनुवंत सिंह, गोविंद सिंह और राजेश पुरोहित के खिलाफ एफआईआर करवा दी।

आरोप है कि 29 मई, 24 को सायंकाल 4 बजे सिद्धि कुमारी की ओर से ट्रस्ट का चार्ज लिया गया। उससे पहले राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी, हनुवंतसिंह, गोविन्दसिंह, राजेश पुरोहित, पुखराज राठौड़ और नवलसिंह ट्रस्ट में पूर्व में कार्यरत थे। आरोपी गोविन्दसिंह, राजेश, पुखराज व नवल सुबह कार्यालय आए और सिद्धि कुमारी के चार्ज लेने से पहले गाड़ियों में सामान भरकर ट्रस्ट कार्यालय से चले गए। कार्यालय से दस्तावेज, सामान, नकदी आदि हटा लिए गए। इससे ट्रस्ट संचालन में परेशानी हो रही है। इसके अलावा 15 अक्टूबर, 24 को देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने चारों ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट पेश करने के लिए नोटिस दिया। लेकिन, आरोपियों की ओर से दस्तावेज, सामान खुर्दबुर्द करने के कारण ऑडिट रिपोर्ट पेश करना असंभव हो गया। आरोपियों ने स्वयंभू ट्रस्टी, सेक्रेटरी, कर्मचारी बताकर ट्रस्ट कार्यालय की संपत्ति खुर्दबुर्द कर ली। 

इन ट्रस्टों के कारण विवाद
महाराजा करणी सिंह के समय और इसके बाद कुछ ट्रस्ट गठित किए गए। इनमें महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, महाराजा राय सिंह ट्रस्ट, करणी सिंह फाउंडेशन, करणी चैरिटेबल ट्रस्ट और महारानी सुशीला कुमारी ट्रस्ट का गठन किया गया। इन पांचों ट्रस्ट को पहले करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी ही देखती थीं। महाराजा करणी सिंह ने राज्यश्री को कुछ अधिकार दिए थे। इसके बाद अधिकांश ट्रस्ट में राज्यश्री ही सर्वेसर्वा रहीं।

किस ट्रस्ट के पास क्या?
वर्तमान में गंगा सिंह ट्रस्ट के अधीन लालगढ़ पैलेस और लक्ष्मी निवास पैलेस हैं। ये दोनों फाइव स्टार होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं। लालगढ़ और लक्ष्मी निवास की मौजूदा कीमत अरबों रुपए में आंकी जा रही है। दोनों पैलेस एक ही परिसर में कई बीघा जमीन पर हैं। बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी लालगढ़ के ही एक हिस्से में रहती हैं। पहले पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी (पूर्व महाराजा करणी सिंह की पत्नी) भी लालगढ़ के इसी हिस्से में रहती थीं। उनके निधन के बाद से सिद्धि कुमारी यहां रहती हैं।

दूसरी तरफ, रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ है। यहां प्राचीना नाम से एक म्यूजियम है। इसका संचालन सिद्धि कुमारी करती हैं।

राजमाता के निधन के बाद बढ़ा विवाद
पूर्व महाराजा करणी सिंह की पत्नी राजमाता सुशीला कुमारी के निधन के बाद बुआ राज्यश्री और भतीजी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद बढ़ गया। इसके बाद देवस्थान विभाग के एक आदेश ने राजघराने के विवाद को बढ़ा दिया। इस आदेश में देवस्थान विभाग के उदयपुर मुख्यालय ने सिद्धि कुमारी को ट्रस्ट का अधिकार दे दिया।

राज्यश्री ने इसी आदेश को लेकर अदालत में केस दायर कर दिया। उधर, सिद्धि कुमारी ने पूरे ट्रस्ट को ही बदल दिया। अब सभी पांच ट्रस्ट विवादित हो गए। इन ट्रस्टों पर राज्यश्री और सिद्धि कुमारी के अपने-अपने दावे हैं। दोनों ने अपने-अपने समर्थकों को इसमें शामिल किया है। विवाद से पहले सिद्धि कुमारी इन ट्रस्टों में थीं, लेकिन मीटिंग में नहीं आने सहित कुछ शिकायतों के चलते उन्हें हटा दिया गया था।



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