भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बने 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों (पाली,सीकर, बांसवाड़ा) को खत्म कर दिया है। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। राजस्थान में अब 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे। सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती को लेकर बैठक में फैसला नहीं हुआ। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- एसआई भर्ती का प्रकरण आज के एजेंडे में नहीं था, मामला कोर्ट में लंबित है।
जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता।
प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार के समय नए बने 19 नए जिलों में से 9 जिलों को सरकार ने समाप्त कर दिया है। इनमें अनूपगढ़ भी शामिल हैं। यह अब वापस गंगानगर जिले में शामिल होगा। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसल के बाद लोगों में भारी आक्रोश है।
जोगाराम ने कहा कि न तो इसके लिए कोई पद सृजित किए, न ही कोई कार्यालय भवन की व्यवस्था की गई। जितने जिले बने, उसमें 18 विभागों में पद सृजित की कोशिश की गई। ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है। सरकार के निर्णय के बाद अब 9 जिलों में लगे कलेक्टर-SP और जिला स्तरीय अफसर हटेंगे, इन जिलों में बने हुए जिला स्तरीय पद भी खत्म हो जाएंगे।
ये 3 संभाग खत्म: बांसवाड़ा, पाली, सीकर।
ये 9 जिले खत्म: अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर और शाहपुरा।
ये जिले रहेंगे : बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर।
बैठक में समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) का स्कोर एक की जगह तीन साल तक मान्य रखने पर फैसला हुआ। खाद्य सुरक्षा योजना में नए लोग जोड़े जाएंगे, 3 महीने के लिए अभियान चला कर नए नाम जोड़े जाएंगे। प्रदेश में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा।
1 जनवरी से लग जाएगी जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की रोक
सरकार को 31 दिसंबर तक नए जिलों से लेकर नई प्रशासनिक इकाइयां बनाने की छूट थी। 31 दिसंबर के बाद जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर रोक लग जाएगी। 1 जनवरी से प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं फ्रिज होने के कारण नई पंचायत, नए उपखंड, तहसील से लेकर नए जिले बनाने से लेकर उनकी सीमाओं में फेरबदल करने पर रोक लग जाएगी।
ऐसे में सरकार को नए जिलों पर फैसला करने के लिए केवल 31 दिसंबर तक का वक्त था। सरकार ने उससे पहले ही नए जिलों पर निर्णय ले लिया।
सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री को चिट्ठी लिखी थी
एक जुलाई से नए जिले बनाने और बाउंड्री में बदलाव पर जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की रोक थी। सीएम भजनलाल शर्मा ने सितंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर नए जिले सहित नई प्रशासनिक यूनिट बनाने पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने 8 अक्टूबर को आदेश जारी कर देशभर के लिए 31 दिसंबर तक नई एडमिनिस्ट्रेटिव यूनिट बनाने पर लगी रोक हटा दी थी।
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