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बीकानेर बंद रहा शांति पूर्वक, पर लॉरेंस बिश्नोई के पोस्टर से विवाद, ये हमारे लोग नही...

India-1stNews




सोलर कंपनियों के राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी काटने के विरोध में बिश्नोई महासभा ने बीकानेर बंद करवाया। 7 घंटे शहर के सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी। इस दौरान प्रदर्शन में लॉरेंस बिश्नोई के पोस्टर लहराने की बात को लेकर विवाद हो गया। कार्यक्रम के आयोजक पूर्व पार्षद मनोज बिश्नोई ने कहा- लॉरेंस के फोटो लगा पोस्टर लहराने वाले हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं। इस आंदोलन से उनका कोई लेनादेना नहीं है।वहीं बीकानेर पुलिस वीडियो के आधार पर इन युवकों की तलाश कर रही है।

आयोजक बोले- लॉरेंस का पोस्टर लाए युवकों से हमारा लेनादेना नहीं

बीकानेर बंद के आयोजक मनोज बिश्नोई ने बताया कि सोशल मीडिया पर दावे किए जा रहे हैं बीकानेर बंद में लॉरेंस बिश्नोई के पोस्टर के साथ बाजार बंद करवाए जा रहे हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। शांतिपूर्ण रैली में सर्वसमाज के लोगों और व्यापारियों ने हमें समर्थन दिया। रैली में लॉरेंस का पोस्टर लेकर आए युवक कौन हैं, ये हमें नहीं मालूम। पुलिस अपने स्तर पर इनकी जांच कर रही रही है। हमारा आंदोलन खेजड़ी बचाने को लेकर है।

बिश्नोई ने कहा- बीकानेर में सोलर कंपनियों की ओर से लगातार खेजड़ी के पेड़ काटे जा रहे हैं। इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई नीति नहीं बनाई गई है। गुरुवार को इसी को लेकर बीकानेर बंद किया गया था। सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे बीकानेर बंद सफल रहा। हमारे बिश्नोई महासभा के कार्यकर्ताओं ने मुख्य मार्गों के साथ ही गली-मोहल्लों की दुकानें भी बंद करवाई। शहर के कई प्राइवेट मार्केट भी बंद रखे गए।

बिश्नोई ने बताया- बीकानेर में कोटगेट से केईएम रोड और कोटगेट से दाऊजी मंदिर तक दुकानें बंद रही। दाऊजी मंदिर से सार्दुल सिंह सर्किल तक दुकानें पूरी तरह बंद रही। इसके अलावा जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट, रानी बाजार, स्टेशन रोड, पंचशती सर्किल, जयनारायण व्यास कॉलोनी, खजांची मार्केट, जैन मार्केट सहित अनेक क्षेत्रों में भी बाजार पूरी तरह बंद रहे। पदाधिकारियों ने अत्यावश्यक सेवाओं को बंद नहीं करवाया। अस्पताल और दवा की दुकान सुचारु रूप से चलती रहीं।

बिश्नोई ने कहा- बीकानेर के ग्रामीण क्षेत्रों में नए-नए सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन प्लांट्स को लगाने के लिए हजारों की संख्या में खेजड़ी के पेड़ काट दिए गए हैं। पेड़ों को काटने के बाद नियमानुसार दूसरे लगाने होते हैं। ये काम भी नहीं हो रहा। स्थिति ये है कि अकेले बीकानेर में कई गांवों से खेजड़ी लुप्त हो गई है।


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